पीएमसीएच की नई इमरजेंसी को अभी चाहिए 'आक्सीजन', ओटी व उपकरणों का इंतजार
पटना मेडिकल कालेज अस्पताल (पीएमसीएच) इमरजेंसी को अभी चाहिए आक्सीजन। भवन का लोकार्पण हो गया लेकिन मरीजों को अभी इंतजार करना पड़ेगा। पहले चरण में दो सौ बेड पर मरीजों के लिए इमरजेंसी सुविधा आरंभ होनी है। प्रमंडलीय आयुक्त सह रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष डा. चंद्रशेखर ने 30 जून से यह सुविधा आरंभ करने की बात कहीं थी लेकिन इमरजेंसी में बेड-टू-बेड आक्सीजन पाइपलाइन पूरी तरह नहीं लगा है।

जागरण संवाददाता, पटना । नए आधुनिक भवन वाले पटना मेडिकल कालेज अस्पताल (पीएमसीएच) इमरजेंसी को अभी चाहिए 'आक्सीजन'। भवन का लोकार्पण हो गया लेकिन मरीजों को इमरजेंसी सुविधा के लिए मरीजों को अभी इंतजार करना पड़ेगा। पुर्नविकास परियोजना के तहत पहले फेज में शुभारंभ हुए एक भवन में इमरजेंसी सुविधा चालू होनी है।
पहले चरण में दो सौ बेड पर मरीजों के लिए इमरजेंसी सुविधा आरंभ होनी है। प्रमंडलीय आयुक्त सह रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष डा. चंद्रशेखर सिंह ने 30 जून से यह सुविधा आरंभ करने की बात कहीं थी, लेकिन अब भी इमरजेंसी में बेड-टू-बेड आक्सीजन पाइपलाइन पूरी तरह नहीं लगा है। इसके अतिरिक्त माइनर ओटी व अन्य आवश्यक उपकरणों का इंतजार किया जा रहा है।
दो सौ बेड के इमरजेंसी में मरीजों के लिए 65 आइसीयू, 44 पोस्ट आइसीयू की सुविधा दी जानी है। इसके अतिरिक्त 22 अत्याधुनिक आपरेशन थिएटर भी बनाएं गए है। इसके अतिरिक्त नए दो टावरों में बच्चों की आइसीयू नीकू, पीकू, कार्डियोलाजी, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग, शिशु, आंख, ईएनटी, मेडिसीन, पीएसएम को शिफ्ट किया जाना है।
वर्तमान में यहां करीब 10 ओपीडी को शिफ्ट किया जा चुका है। पीएमसीएच का पुनर्विकास 5540 करोड़ की लागत से किया जा रहा है, इसके तहत 5462 बेड बनाया जाना है।
बीएमएससीआइएल को लगातार किया जा रहा आग्रह
पीएमसीएच प्रशासन की ओर से नए भवन में आवश्यक सुविधा मुहैया कराने को लेकर लगातार बीएमएससीआइएल से आग्रह किया जा रहा है। इन कार्यों को लेकर कुछ मैनपावर भी लगाएं गए है, लेकिन कार्य की गति को दिखते हुए इसमें अभी और समय लगना तय माना जा रहा है।
सितंबर में तीसरे टावर से कार्यारंभ की उम्मीद
पहले फेज में कुल 2527 बेड पर उपचार की व्यवस्था होनी है। इसके लिए दो टावर के उद्घाटन हो चुका है। इसमें फिलहाल ओपीडी चल रहे है। अब तीसरे टावर को सितंबर और चौथे टावर को अगले साल तक शुरू होने की उम्मीद है। विश्व का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल बनने वाले इस पीएमसीएच को कुल तीन फेज में निर्माण कार्य किया जाना है। 5462 बेड वाले इस अस्पताल में 5460 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
तीनों फेज में कुल 764.3 यानी करीब 800 करोड़ रुपये की लागत से मेडिकल उपकरणों की खरीदारी की जाएगी। इसमें पहले फेज में 329.9, दूसरे फेज में 237.4 और तीसरे फेज में 197 करोड़ रुपये के मेडिकल उपकरण लगेंगे।
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