पीएमसीएच में बेड की कमी, गंभीर मरीजों को इलाज के बिना लौटाया जा रहा, दलालों का नेटवर्क सक्रिय
पटना के पीएमसीएच में बेड की कमी के चलते गंभीर मरीजों को लौटाया जा रहा है। दूर-दराज से आए मरीजों को बिना इलाज के वापस जाना पड़ रहा है। प्रमिला देवी और रामानंद सिंह जैसे कई मरीजों को बेड नहीं मिलने के कारण परेशानी हुई। अस्पताल प्रशासन समस्या से इनकार कर रहा है वहीं दलालों का नेटवर्क सक्रिय है।

जागरण संवाददाता, पटना। पटना मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में इन दिनों गंभीर मरीजों को भी इलाज नहीं मिल पा रहा है। राज्य के दूर-दराज इलाकों से रेफर होकर आने वाले मरीजों को बेड खाली नहीं है कहकर लौटा दिया जा रहा है।
शनिवार को कई मरीजों को उपचार के बिना ही लौटना पड़ा। शुक्रवार की रात तेज पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंची प्रमिला देवी का पर्चा कटा, लेकिन बेड का अभाव बता मरीज को भर्ती नहीं किया गया। पति परण मुखिया ने बताया कि वह बढई का कार्य करते हैं, पत्नी को तेज पेट दर्द होने पर लेकर पहुंचे थे।
काफी मिन्नतों के बाद ट्राएज कक्ष में जाने दिया गया लेकिन वहां भी यही जवाब मिलने पर मजबूर होकर उन्हें अपनी पत्नी को निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। बरबीघा सदर अस्पताल से रेफर होकर पहुंचे रामानंद सिंह को काउंटर पर पर्ची काटने से मना कर दिया गया ।
यहां सुविधा नहीं है, कहीं और ले जाएं
महुआ से आए रविशंकर झा ने बताया कि उनकी मामी की हालत बेहद गंभीर थी, लेकिन भर्ती के लिए उन्हें भी यही जवाब मिला बेड नहीं है। छपरा से आए 60 वर्षीय रामचंद्र पासवान को ब्रेन स्ट्रोक हुआ था, परिजन उन्हें लेकर पीएमसीएच पहुंचे, लेकिन वहां से भी उन्हें लौटा दिया गया। डॉक्टरों ने कहा, यहां सुविधा नहीं है, कहीं और ले जाएं।
पूरे प्रकरण पर पीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ. अरविन्द कुमार सिन्हा ने पूछे जाने पर किसी भी तरह की समस्या से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि यहां सभी मरीजों को भर्ती किया जा रहा है।दलालों का सक्रिय नेटवर्क पीएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड के आसपास इन दिनों दलालों की सक्रियता बढ़ गई है।
इन दलालों का नेटवर्क इतना मजबूत है कि जैसे ही किसी मरीज को लौटाया जाता है, तुरंत एक विकल्प पेश कर दिया जाता है – चलिए, पास में सस्ता और अच्छा इलाज हो जाएगा।
बढ़ती चिंता
कहां जाएं गरीब मरीज?आइजीआइएमएस और एम्स जैसे संस्थानों में पहले से ही लंबी वेटिंग और बेड की कमी है। अब पीएमसीएच से भी मरीजों को लौटा दिया जा रहा है, जिससे गरीब मरीजों के सामने बड़ा सवाल खड़ा हो गया है – आखिर इलाज कहां कराया जाए?
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