Bihar News: इस योजना के तहत मुफ्त मिलेगी बिजली, सरकार को सालाना 75 हजार करोड़ रुपए की होगी बचत
पीएम सूर्य घर योजना का लक्ष्य घरेलू उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली देना है। इस योजना के तहत सरकार 3 किलोवाट तक के सोलर पैनल लगाने पर सब्सिडी देगी जिससे उपभोक्ताओं को 78 हजार रुपये तक का अनुदान मिल सकता है। इसका उद्देश्य 10 करोड़ घरों में सौर ऊर्जा पहुंचाना है जिससे ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़े और प्रदूषण मुक्त बिजली मिले।

जागरण संवाददाता, पटना। पीएम सूर्य घर योजना की शुरुआत 15 फरवरी 2024 को की गई, इसका उद्देश्य घरेलू उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराना है। इस योजना से न सिर्फ घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दरें कम होंगी बल्कि सरकार को सालाना 75 हजार करोड़ रुपये की बचत का भी लक्ष्य है।
विशेषज्ञ शनिवार को पटना के तारामंडल सभागार में बिहार रिन्यूएबल एनर्जी एक्सपो 2025 के दूसरे दिन पीएम सूर्य घर योजना विषय पर लोगों को जानकारी दे रहे थे।
विशेषज्ञों ने बताया कि पीएम सूर्य घर योजना के तहत घरेलू उपभोक्ता 10 किलोवाट तक का सोलर पावर सिस्टम लगा सकता है, लेकिन सरकार की ओर से सिर्फ 3 किलोवाट तक की लागत पर ही सब्सिडी देने का प्रावधान है।
जिसके तहत अनुदान के तौर पर अधिकतम 78 हजार रुपये मिल सकते हैं। एक किलोवाट तक के सौर ऊर्जा सिस्टम की स्थापना पर 30 हजार रुपये, दो किलोवाट के सौर ऊर्जा सिस्टम की स्थापना पर 60 हजार रुपये तथा तीन किलोवाट तक के सौर ऊर्जा सिस्टम की स्थापना पर अधिकतम 78 हजार रुपये की सब्सिडी देने का प्रावधान है।
इस योजना का उद्देश्य देश के 10 करोड़ घरों में सौर ऊर्जा (सोलर पैनल) लगाना है, ताकि भारत का ऊर्जा क्षेत्र आत्मनिर्भरता की ओर बढ़े तथा उपभोक्ताओं को प्रदूषण मुक्त एवं सस्ती बिजली मिल सके।
तकनीकी सत्र में भारतीय स्टेट बैंक के उप महाप्रबंधक दीपक कुमार, सिडबी की उप महाप्रबंधक रश्मि रंजन, सिडबी के प्रबंधक शाश्वत, देश की अग्रणी सोलर पैनल निर्माता कंपनी नोवासिस के अध्यक्ष अशोक सिंह तथा रेसोन सोलर के महाप्रबंधक अमित, पावरवन मैक्रो सिस्टम की शशि मिश्रा ने अपने विचार साझा किए।
चार साल में होती है भरपाई
तीन किलोवाट का सौर ऊर्जा सिस्टम लगाने पर उपभोक्ता को प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिल सकेगी। इस योजना में पात्रता की शर्त यह है कि आवेदक भारत का नागरिक हो। घर ऐसा हो कि उसकी छत सोलर पैनल लगाने के लिए उपयुक्त हो तथा वैध बिजली कनेक्शन होना अनिवार्य है।
दूसरे तकनीकी सत्र में सौर ऊर्जा लगाने से उद्योगों को क्या लाभ मिलेगा, इस पर विस्तृत चर्चा हुई। इसमें भाग लेने वाले अतिथि वक्ताओं ने बताया कि जिस तरह से परंपरागत ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त बिजली की लागत साल दर साल बढ़ रही है, उसी तरह औद्योगिक उत्पादों की लागत भी बढ़ रही है।
ऐसे में औद्योगिक इकाइयों के लिए बाजार में खुद को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए सौर ऊर्जा बहुत अच्छा विकल्प है। चर्चा में यह भी बात सामने आई कि औद्योगिक उपभोक्ताओं द्वारा लगाए गए सौर ऊर्जा सिस्टम की लागत चार से साढ़े चार साल में उनके बिजली बिल में कमी आने से वसूल हो जाती है। एक तरफ जहां सौर ऊर्जा सस्ती बिजली उपलब्ध करा रही है, वहीं प्रदूषण मुक्त बिजली भी उपलब्ध करा रही है।
पहले सत्र को सोलर हब के केशव कुमार और बीआईए के पूर्व उपाध्यक्ष संजय गोयनका ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में बीआईए अध्यक्ष केपीएस केशरी, उपाध्यक्ष आशीष रोहतगी, पूर्व अध्यक्ष रामलाल खेतान, पूर्व अध्यक्ष एके अग्रवाल भी मौजूद थे।
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