जसुपा का बेदारी कान्फ्रेंस में मुस्लिम बुद्धिजीवियों से रूबरू होंगे पीके
सैयद मसिउद्दीन बताते हैं कि पिछले वर्ष 14 जुलाई को प्रशांत किशोर ने बिहार भर के मुस्लिम बुद्धिजीवियों से पटना में बातचीत की थी। उन्हें मुस्लिम नेतृत्व विकसित करने का महत्व बताया था। इसी क्रम में बेदारी कान्फ्रेंस का आयोजन हो रहा। बिहार में मुसलमानों की जनसंख्या लगभग 18 प्रतिशत है लेकिन विधानसभा में उस अनुपात में प्रतिनिधित्व नहीं।

राज्य ब्यूरो, पटना। जन सुराज पार्टी (जसुपा) द्वारा शुक्रवार को बेदारी कान्फ्रेंस का आयोजन प्रस्तावित है। इसमें बिहार की राजनीति में मुसलमानों की उपेक्षा और उनकी न्यूनतम भागीदारी के कारणों के साथ जसुपा के साथ उनकी संभावना पर चर्चा होनी है। पटना स्थित हज भवन के आडिटोरियम में आयोजित होने वाले बेदारी कान्फ्रेंस में जसुपा के सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) मुख्य वक्ता होंगे।
जसुपा के प्रदेश प्रवक्ता सदफ इकबाल का कहना है कि वोट सभी ने लिया, लेकिन किसी ने भी मुस्लिम नेतृत्व को राजनीति में आगे नहीं बढ़ने दिया। पीके एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने मुस्लिम समाज की इस कमी को पहचाना है।
सैयद मसिउद्दीन बताते हैं कि पिछले वर्ष 14 जुलाई को प्रशांत किशोर ने बिहार भर के मुस्लिम बुद्धिजीवियों से पटना में बातचीत की थी। उन्हें मुस्लिम नेतृत्व विकसित करने का महत्व बताया था। इसी क्रम में बेदारी कान्फ्रेंस का आयोजन हो रहा। बिहार में मुसलमानों की जनसंख्या लगभग 18 प्रतिशत है, लेकिन विधानसभा में उस अनुपात में प्रतिनिधित्व नहीं। दूसरी तरफ दो-तीन प्रतिशत जनसंख्या वाला समाज भी मुख्यमंत्री या उप मुख्यमंत्री पद का दावेदार है।
बेदारी कान्फ्रेंस के संयोजक वसीम नैयर के अनुसार, पीके ने स्पष्ट कहा है कि जिस समाज की जितनी जनसंख्या होगी, उसे उतनी हिस्सेदारी दी जाएगी। मुस्लिम समाज का पीके के प्रति भरोसा बढ़ा है। इसलिए हमने बिहार भर के बुद्धिजीवी मुस्लिमों को पीके से मिलने और बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया है।
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