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    Piles: बवासीर के इन लक्षणों को न करें इग्नोर, हो सकता है बाउल कैंसर

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 02:49 PM (IST)

    बवासीर के कुछ लक्षण बाउल कैंसर के समान हो सकते हैं, जिससे भ्रम हो सकता है। मल में खून आना, पेट दर्द, वजन घटना, मल त्याग की आदतों में बदलाव और थकान जैसे लक्षणों को अनदेखा नहीं करना चाहिए। यदि ऐसे कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

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    जागरण संवाददाता ,पटना। बदलती जीवनशैली, तनाव, जंक-प्रोसेस्ड फूड का बढ़ता सेवन, लंबे समय तक बैठे रहकर काम करना तथा कम पानी पीना खतरनाक हो रहा है। ये सभी आदतें पाइल्स (बवासीर) के मामलों में तेजी से इजाफा कर रही हैं।

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    सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में हर महीने बड़ी संख्या में मरीज Piles की सर्जरी करा रहे हैं। इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) के गैस्ट्रोसर्जरी विभागाध्यक्ष सह चिकित्सा अधीक्षक डा. मनीष मंडल ने बताया कि लगभग दो-तिहाई मरीज शर्म या झिझक के कारण डॉक्टर के पास पहुंच ही नहीं पाते, इससे उनकी स्थिति बिगड़ जाती है।

    उन्होंने कहा कि सबसे चिंताजनक बात यह कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के जिन मरीजों में पाइल्स जैसे लक्षण दिखते हैं और वे इसे मामूली समझकर अनदेखा करते रहते हैं, उनमें से करीब 10 प्रतिशत में जांच के दौरान बाउल कैंसर (Bowel cancer) पाया जा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे मरीजों में अधिकतर मामलों में यह चौथे चरण (स्टेज-4) तक पहुंच चुका होता है।

    आधुनिक तकनीकों से सुरक्षित उपचार उपलब्ध (Piles Treatment)

    आइजीआइएमएस के गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के वरीय प्राध्यापक डा. साकेत कुमार ने बताया कि संस्थान में पाइल्स के लिए ओपन, लेजर और लैप्रोस्कोपिक सभी प्रकार की उन्नत सर्जिकल तकनीकों से उपचार उपलब्ध है।

    वहीं, गैस्ट्रोलाजी विभागाध्यक्ष प्रो. संजीव कुमार झा ने कहा कि नियमित व्यायाम, पर्याप्त पानी पीना और उच्च फाइबर युक्त भोजन को रोजाना आहार में शामिल करने से पाइल्स से काफी हद तक बचाव संभव है। जंक फूड और बाहर का तला-भुना खाना इससे बड़े कारक हैं, इससे परहेज करना चाहिए।

    चांदसी दवाखानों से बढ़ रही जटिलताएं

    जनरल सर्जरी विभागाध्यक्ष डा. पीके झा ने चेताया कि पाइल्स एक सामान्य लेकिन गंभीर हो सकने वाला रोग है। कई बार यह आनुवंशिक, मोटापे, अधिक यात्रा या लंबे समय तक बैठने जैसी आदतों के कारण भी उत्पन्न होता है।

    उन्होंने कहा कि शर्म या झिझक के कारण कई मरीज चांदसी दवाखानों में उपचार कराने चले जाते हैं, जहां दिए गए इंजेक्शन गुदा मार्ग को अत्यधिक संकरा कर देते हैं। इसके कारण बाद में की जाने वाली सर्जरी काफी जटिल और जोखिमपूर्ण हो जाती है। इसी प्रकार, इलाज में देर होने से लगातार रक्तस्राव के कारण शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी भी हो सकती है।

    विशेषज्ञों की अपील

    पाइल्स के लक्षण दिखें तो शर्म न करें, तुरंत डाक्टर से मिलें
    स्वयं इलाज या चांदसी दवाखाना अपनाना खतरनाक
    समय पर निदान से कैंसर जैसे जोखिमों से बचाव संभव
    स्वस्थ खानपान, व्यायाम व फाइबरयुक्त आहार पाइल्स रोकने में महत्वपूर्ण