सर्दी में चाय का नया रंग-रूप: कुल्हड़ की चुस्की, चॉकलेट से गुलाब तक खुशबू और स्वाद का अनोखा सफर
पटना में सर्दी के मौसम में चाय के स्वाद में नयापन आ गया है। कुल्हड़ चाय के साथ अब चॉकलेट और गुलाब की खुशबू वाली चाय भी खूब पसंद की जा रही है। चाय के श ...और पढ़ें

मौसम में चाय का ट्रेंड सिर्फ पारंपरिक तक सीमित नहीं
राधा कृष्ण, पटना। सर्दी आते ही शहर और कस्बों की फिज़ा में एक खास सी महक घुल जाती है। यह महक सिर्फ अलाव की नहीं होती, बल्कि उबलती चाय, अदरक की तीखापन और कुल्हड़ की मिट्टी की सौंधी खुशबू की भी होती है। इस बार सर्दी के मौसम में चाय केवल एक पेय नहीं, बल्कि एक पूरा अनुभव बन चुकी है। चाय के शौकीनों के लिए अब सिर्फ दूध-पत्ती और अदरक ही नहीं, बल्कि चॉकलेट, गुलाब, इलायची, केसर और कई नए फ्लेवर भी आकर्षण का केंद्र बन गए हैं।
शहरों में शाम ढलते ही चाय की दुकानों पर रौनक बढ़ जाती है। ऑफिस से लौटते लोग, कॉलेज के छात्र और दोस्तों के समूह कुल्हड़ थामे घंटों गपशप करते नजर आते हैं।
मिट्टी के कुल्हड़ में परोसी गई गर्म चाय का स्वाद सर्दी में अलग ही सुकून देता है। यही वजह है कि डिस्पोजेबल कप की जगह फिर से कुल्हड़ की मांग बढ़ गई है।
दुकानदारों का कहना है कि कुल्हड़ की चाय पीने से स्वाद के साथ-साथ एक देसी एहसास भी मिलता है, जो युवाओं को खूब पसंद आ रहा है।
इस मौसम में चाय का ट्रेंड सिर्फ पारंपरिक तक सीमित नहीं है। शहर के कई चाय स्टॉल और कैफे नए-नए प्रयोग कर रहे हैं।
कहीं चॉकलेट टी की मिठास लोगों को लुभा रही है, तो कहीं गुलाब की खुशबू वाली चाय खासकर युवतियों की पसंद बन रही है।
कुछ जगहों पर केसर और इलायची के मिश्रण से बनी स्पेशल चाय परोसी जा रही है, जिसकी कीमत सामान्य चाय से थोड़ी ज्यादा जरूर है, लेकिन स्वाद और खुशबू के कारण लोग खुशी-खुशी इसे आजमा रहे हैं।
चाय विक्रेताओं के अनुसार सर्दी के मौसम में चाय की खपत में करीब 25 से 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। जहां गर्मियों में दिनभर में सीमित संख्या में कप बिकते थे, वहीं अब सुबह से देर रात तक चाय की केतली खाली होती रहती है।
खासकर सुबह और शाम के समय ग्राहकों की भीड़ सबसे ज्यादा रहती है। कई दुकानदारों ने बताया कि ठंड बढ़ते ही उनकी बिक्री में लगातार इजाफा हो रहा है।
चाय सिर्फ स्वाद ही नहीं, सेहत के लिहाज से भी लोगों को आकर्षित कर रही है। डॉक्टरों और विशेषज्ञों का मानना है कि सीमित मात्रा में ली गई गर्म चाय सर्दी-जुकाम से राहत देती है।
अदरक, तुलसी और मसालों से बनी चाय शरीर को गर्म रखने में मदद करती है। यही कारण है कि सर्दी के मौसम में लोग चाय को सिर्फ आदत नहीं, बल्कि जरूरत के रूप में भी देखने लगे हैं।
ग्रामीण इलाकों से लेकर शहर के चौक-चौराहों तक चाय की दुकानों पर बैठकी संस्कृति फिर से लौट आई है।
लोग मोबाइल और सोशल मीडिया से थोड़ी देर दूर होकर चाय की चुस्की के साथ रिश्तों और बातों की गर्माहट महसूस कर रहे हैं। कुल्हड़ की चाय हाथ में लेकर अलाव के पास बैठना अब सर्दी की पहचान बनता जा रहा है।
कुल मिलाकर इस सर्दी में चाय ने अपना रूप बदल लिया है। यह सिर्फ एक कप पेय नहीं, बल्कि स्वाद, खुशबू, सेहत और मेल-मिलाप का संगम बन चुकी है।
चॉकलेट से लेकर गुलाब तक की महक और कुल्हड़ की सौंधी मिट्टी ने चाय को फिर से लोगों के दिलों के करीब ला दिया है। सर्दी की ठिठुरन में यही गर्म चाय अब हर सुबह और हर शाम को खास बना रही है।

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