वर्षा के बाद पटना हुआ पानी-पानी... पैदल चलना भी नहीं रहा आसान, कई महल्लों में एक फीट तक पानी
शहर एक बार फिर पानी-पानी हो गया। नगर निगम और बुडको ने जलभराव वाले इलाकों से तेजी से पानी निकाला लेकिन रुक-रुककर होती रही वर्षा के कारण उन्हें भी काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा।कुछ दिन पहले जलजमाव से मुक्त हुए इलाके एक बार फिर जलभराव की गंभीर चपेट में आ गए।

जागरण संवाददाता, पटना। शहर एक बार फिर पानी-पानी हो गया। निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति हो गई। जहां पानी जमा नहीं हुआ वहां सड़क कीचड़ से सन गई। इस कारण सुबह से शाम तक लोगों के लिए पैदल चलना भी काफी मुश्किल हो गया। स्कूल, कार्यालय जानेवालों को काफी परेशानी हुई। बाजार में भी ग्राहकों की आवाजाही कम रही। ठेले-खोमचे वालों की दुकानदारी भी प्रभावित हुई।
नगर निगम और बुडको ने जलभराव वाले इलाकों से तेजी से पानी निकाला, लेकिन रुक-रुककर होती रही वर्षा के कारण उन्हें भी काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा।कुछ दिन पहले जलजमाव से मुक्त हुए इलाके एक बार फिर जलभराव की गंभीर चपेट में आ गए। कंकड़बाग, पाटलिपुत्र कालोनी, एजी कालोनी, सीडीए कालोनी समेत अन्य जगहों पर जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
लोयोला स्कूल के सामने सड़क के दोनों ओर काफी दूरी में पानी जमा है। सहयोग अस्पताल के सामने की सड़क डूबी हुई है। इसी तरह दीघा में पेट्रेाल पंप के पास काफी दूरी में एक फीट तक पानी जमा हो गया। वहां खड़े ट्रैक्टर के पहिये पानी में डूबे रहे। कंकड़बाग रोड नंबर 14 बी, खेतान मार्केट, फ्रेंड्स कालोनी आदि इलाके की सड़कें भी जलमग्न हो गई। इंद्रपुरी मोहल्ले में दो और चार नंबर रोड की खोदाई कर दिए जाने के कारण सड़क की हालत कीचड़मय हो गई।
कीचड़ के कारण फिसलन से लोग काफी परेशान रहे। कुछ फिसलकर गिर भी गए। कुछ जगहों पर नालों का सतह ऊंचा रहने के कारण जलनिकासी में बाधा हुई। दीघा के निरालानगर में दो सड़कों पर फिर से जलभराव हो गया है।
स्थानीय सेवानिवृत्त अधिकारी विजय शंकर झीवास्तव, वरीय नागरिक विजय प्रताप सिंह, सूर्य देव शर्मा, रत्नेश सिंह, कमलेश कुमार सिन्हा, ई सुरेंद्र प्रसाद, अनिल सिंह आदि ने बताया कि कुछ दिनों से हमें नारकीय हालत झेलनी पड़ रही है। रिटायर्ड बैंक अधिकारी के घर में पानी भरने से नित्यकर्म भी मुश्किल हो गया है। दरअसल शौचालय की टंकी नीची होती है। इस वजह से सड़क के पानी में शौचालय की गंदगी भी मिल गई है।
नतीजा है कि दुर्गंध से लोगों का रहना मुश्किल हो गया है। बच्चे बीमार हो रहे हैं। इसकी सूचना जनप्रतिनिधि को दी गई है। उनका कहना है कि पानी निकालने के लिए जो पंप लगे हें, वे समय-समय पर बंद कर दिए जाते हैं। इस कारण जलनिकासी बाधित होती है।
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