पटना में 50 लाख वोटरों का होगा सत्यापन, 26 जुलाई तक वोटर कर लें ये काम, नहीं तो कट जाएगा नाम
पटना जिले में मतदाता सूची का पुनरीक्षण अभियान शुरू हो गया है। 14 विधानसभा क्षेत्रों के 50.31 लाख मतदाताओं को 26 जुलाई तक प्रपत्र जमा करने होंगे। बीएलओ घर-घर जाकर सत्यापन करेंगे। आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं करने पर नाम काटा जा सकता है। इस प्रक्रिया से मतदान प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होगी।

जागरण संवाददाता, पटना। पटना जिले के 14 विधानसभा क्षेत्रों के 50.31 लाख मतदाताओं को 26 जुलाई तक मतगणना प्रपत्र भरकर सक्षम प्रमाण पत्र जमा करना होगा। मतदाता सूची का विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान शनिवार से शुरू हो गया है। इस कार्य में 4906 बीएलओ घर-घर जाकर मतदाता सूची का सत्यापन करेंगे।
विकास मित्र समेत जिला प्रशासन की सारी व्यवस्थाएं अभियान को सफल बनाने में लगी हुई हैं। यह जानकारी जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम त्यागराजन एसएम ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस में दी। बताया गया कि बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं को मतगणना प्रपत्र देंगे और उसे भरने में उनकी मदद करेंगे।
प्रपत्र के साथ आवश्यक प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा। सत्यापन नहीं कराने वालों का नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा। सिर्फ योग्य मतदाता ही सूची में रहेंगे। इससे मतदान का प्रतिशत बढ़ेगा। जल्द ही मतगणना प्रपत्र ऑनलाइन भरने की सुविधा मिलेगी। एक भी मतदाता न छूटे, इसका प्रयास किया जा रहा है।
इस प्रक्रिया में मृतक या अन्यत्र निवास करने वालों का नाम मतदाता सूची से हटाया जाएगा। मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान के बाद वास्तविक मतदाता का नाम सूची में रहेगा। मृतक और अन्यत्र निवास करने वालों का नाम सूची से हटाए जाने से मतदान प्रतिशत 35-40 तक बढ़ जाएगा। पुनरीक्षण 25 जून से शुरू हो गया है और 26 जुलाई तक चलेगा।
मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशन एक अगस्त को होगा। दावा-आपत्ति दाखिल करने की अवधि एक अगस्त से एक सितंबर तक होगी। अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 30 सितंबर को होगा। आयोग के निर्देशानुसार सभी बीएलओ को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। पटना जिले में 14 विधानसभा क्षेत्रों में 2,944 भवनों में 4,906 मतदान केंद्र हैं। एक मई 2025 तक पटना जिले में मतदाताओं की संख्या 50,31,964 है।
सभी विधानसभा क्षेत्रों में बीएलओ घर-घर जाकर मतदाता सूची में दर्ज मतदाताओं को प्री-प्रिंटेड गणना प्रपत्र उपलब्ध करा रहे हैं। प्रत्येक मतदाता से अनुरोध है कि गणना प्रपत्र के साथ आवश्यक स्व-प्रमाणित दस्तावेज संलग्न कर घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर कर यथाशीघ्र संबंधित बीएलओ को उपलब्ध कराएं।
आयोग द्वारा बिहार के लिए अंतिम गहन पुनरीक्षण वर्ष 2003 में 1 जनवरी 2003 को अर्हता तिथि मानकर किया गया था। 1 जनवरी 2003 की अर्हता तिथि तक मतदाता सूची में पंजीकृत मतदाताओं को विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान 2025 के दौरान गणना प्रपत्र के साथ दस्तावेज प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है।
आयोग द्वारा संविधान के अनुच्छेद 324 एवं लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 21 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य है कि सभी पात्र नागरिकों को मतदाता सूची में शामिल किया जाए तथा कोई भी पात्र मतदाता मतदाता सूची से बाहर न रहे।
साथ ही कोई भी अपात्र मतदाता इसमें शामिल न हो। जन्म तिथि की कट-ऑफ तिथि तीन रखी गई है। नागरिकता का निर्धारण 1 जुलाई 1987 से पूर्व, 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच तथा 3 दिसंबर 2004 या उसके बाद जन्म के आधार पर किया जाना है।
इसका उद्देश्य मृत, स्थानांतरित, अनुपस्थित मतदाताओं के नाम हटाना भी है। स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए मतदाता सूची की शुचिता बनाए रखना आवश्यक है। नाम जोड़ने व हटाने के लिए कोई भी मतदाता या कोई भी राजनीतिक दल दावा व आपत्ति दाखिल कर सकता है।
डीडीसी की अध्यक्षता में छह सदस्यीय सेल गठित
उप विकास आयुक्त पटना की अध्यक्षता में जिला स्तर पर छह सदस्यीय सेल कार्यरत है, जो मतगणना प्रपत्रों की डाउनलोडिंग, प्रिंटिंग, बूथवार वितरण की स्थिति, मतगणना प्रपत्रों व दस्तावेजों का बूथवार संग्रहण समेत आयोग के सभी दिशा-निर्देशों के अनुपालन की नियमित निगरानी कर रही है।
इसकी समीक्षा प्रत्येक शाम जिला दंडाधिकारी स्तर पर की जाती है। किसी भी तरह की सहायता के लिए जिला संपर्क केंद्र सह मतदाता हेल्पलाइन 1950 पर कॉल किया जा सकता है।
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