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    खंडहर से ज्ञान का केंद्र तक: पटना में बनेगा देश का पहला पावर म्यूजियम, 50 साल पुराने पावर हाउस को मिलेगी नई पहचान

    Updated: Sat, 13 Dec 2025 09:55 AM (IST)

    पटना में देश का पहला पावर म्यूजियम बनने जा रहा है। 50 साल पुराने पावर हाउस को एक नया पहचान मिलेगा। यह म्यूजियम खंडहर से ज्ञान का केंद्र बनेगा, जो ऊर्ज ...और पढ़ें

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    धेरा फैलाने वाला जर्जर खंडहर अब रोशनी और ऊर्जा का ज्ञान देगा

    राधा कृष्ण, पटना। कभी अंधेरा फैलाने वाला जर्जर खंडहर अब रोशनी और ऊर्जा का ज्ञान देगा। बिहार की राजधानी पटना में करीब 50 वर्षों से बंद पड़े पुराने पावर हाउस को आधुनिक ऊर्जा संग्रहालय यानी पावर म्यूजियम के रूप में विकसित किया जाएगा। नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई हालिया कैबिनेट बैठक में इस महत्वाकांक्षी परियोजना को हरी झंडी दे दी गई है। यह म्यूजियम न केवल देश का पहला, बल्कि दुनिया का चौथा ऊर्जा संग्रहालय होगा।

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    करीब तीन एकड़ भूमि में प्रस्तावित यह पावर म्यूजियम शिक्षा, शोध, विरासत संरक्षण और पर्यटन के क्षेत्र में बिहार को नई पहचान दिलाने वाला माना जा रहा है। फैसले के बाद करबिगहिया सहित आसपास के इलाकों में उत्साह का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वर्षों से उपेक्षित इस ऐतिहासिक संरचना के कायाकल्प से राजधानी ही नहीं, पूरे राज्य को लाभ मिलेगा।

    1930 में बना, दशकों से बंद

    इस पावर हाउस का निर्माण वर्ष 1930 में पटना में बिजली उत्पादन की शुरुआत के साथ किया गया था। हालांकि, करबिगहिया, जक्कनपुर, कंकड़बाग, न्यू मार्केट और चिड़ैयाटांड जैसे इलाकों में आबादी बढ़ने और शहर के विस्तार के चलते वर्ष 1934 में इसका संचालन बंद कर दिया गया।

    इसके बाद यह पावर हाउस धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील होता चला गया और करीब 50 वर्षों से अधिक समय तक बंद पड़ा रहा। वर्ष 2019 में इसे ऊर्जा संग्रहालय में बदलने का प्रस्ताव तैयार किया गया था, जिसे अब कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है।

    बीएसपीएचसीएल को सौंपी गई जिम्मेदारी

    पेसू के महाप्रबंधक दिलीप सिंह ने बताया कि पावर म्यूजियम के निर्माण की जिम्मेदारी बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीएसपीएचसीएल) को दी गई है।

    परियोजना को समयबद्ध और सुचारू ढंग से पूरा करने के लिए एक विशेष सिविल विंग का गठन भी किया गया है। अनुमान है कि अगले दो से तीन वर्षों में यह ऊर्जा संग्रहालय बनकर तैयार हो जाएगा।

    युवाओं में खासा उत्साह

    स्थानीय छात्र कृति रंजन का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में पटना म्यूजियम और बिहार म्यूजियम जैसे संस्थानों का निर्माण हुआ है और अब करबिगहिया का पावर म्यूजियम राजधानी के लिए बड़ा बदलाव साबित होगा।

    मीठापुर निवासी मोनू कुमार ने इसे गर्व की बात बताते हुए कहा कि तकनीक और ऊर्जा के क्षेत्र में सीखने का यह एक अनूठा अवसर होगा।

    वहीं न्यू करबिगहिया के सुमन कुमार का मानना है कि इस म्यूजियम से इलाके को नई पहचान मिलेगी और बिहार पर्यटन के मानचित्र पर एक नए स्वरूप में उभरेगा।

    कुल मिलाकर, यह पावर म्यूजियम न सिर्फ अतीत की विरासत को सहेजेगा, बल्कि भविष्य की ऊर्जा और तकनीक का रास्ता भी दिखाएगा।