खुशखबरी : पटना केंद्रीय विद्यालय की छात्राएं बनाएंगी सेनेटरी नैपकिन
केंद्रीय विद्यालयों में पढऩे वाली छात्राओं को अब पढ़ाई के साथ आर्थिक लाभ भी होगा। वे विद्यालय को स्वच्छ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीए) की नई पहल के अनुसार स्कूल की छात्राएं विद्यालय में ही सेनेटरी नैपकिन तैयार करेंगी।
पटना [नीरज कुमार] । केंद्रीय विद्यालयों में पढऩे वाली छात्राओं को अब पढ़ाई के साथ आर्थिक लाभ भी होगा। वे विद्यालय को स्वच्छ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीए) की नई पहल के अनुसार स्कूल की छात्राएं विद्यालय में ही सेनेटरी नैपकिन तैयार करेंगी।
तैयार नैपकिन की बिक्री केंद्रीय विद्यालयों में होगी। प्रत्येक केंद्रीय विद्यालय में सेनेटरी नैपकिन के उपयोग के लिए मशीन लगाई जा रही है। मशीन में तीन रुपये डालने पर एक नैपकिन निकलेगा जिसका छात्राएं उपयोग करेंगी।
खगौल केवि में लगेगी निर्माण मशीन :केंद्रीय विद्यालय के उपायुक्त एमएस चौहान का कहना है कि छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए सेनेटरी नैपकिन बनाने की पहल की गई है। राजधानी में सेनेटरी नैपकिन बनाने की मशीन केंद्रीय विद्यालय खगौल में लगाई जाएगी। यहां छात्राएं नैपकिन तैयार करेंगी।
एक नैपकिन की दो रुपए लागत :
एक नैपकिन बनाने में लगभग दो रुपए की लागत आएगी। इसे तीन रुपए में राज्य के बाकी केंद्रीय विद्यालयों की छात्राओं को मुहैया कराया जाएगा। वर्तमान में छात्राओं को बाहर से आपूर्ति वाले एक नैपकिन की कीमत पांच रुपये चुकानी पड़ रही है।
प्रयोग के तौर पर कुछ केंद्रीय विद्यालयों के गल्र्स टॉयलेट में सेनेटरी नैपकिन उपयोग की मशीन लगाई गई है। उपायुक्त का कहना है कि सेनेट्री नैपकिन तैयार करने वाली छात्राओं के कार्य को ग्रेडिंग से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा प्रति नैपकिन उन्हें एक रुपए का लाभ भी दिया जाएगा ताकि उनका उत्साह बना रहे और आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को थोड़ी मदद मिले।
कंकड़बाग केवी में लगी मशीन :
केंद्रीय विद्यालय, कंकड़बाग के प्राचार्य सुधाकर सिंह का कहना है कि सेनेटरी नैपकिन के उपयोग वाली मशीन स्कूल में लगा दी गई है। उसका उपयोग स्कूल की छात्राएं करने लगी हैं। नैपकिन को नष्ट करने के लिए एक छोटा-सा इंसीनेटर भी लगाया गया है।
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