Hepatitis Day: टैटू बनवाना हो सकता है खतरनाक, जानिए एक्सपर्ट ने क्या कहा?
पटना में टैटू बनवाने का क्रेज बढ़ रहा है लेकिन सस्ते टैटू बनवाने से हेपेटाइटिस बी और सी जैसी बीमारियों का खतरा है। विशेषज्ञ असुरक्षित टैटू सेंटरों से बचने और सुइयों के सैनिटाइजेशन पर ध्यान देने की सलाह देते हैं। टैटू बनवाने वाले लोगों को हेपेटाइटिस की जांच करानी चाहिए और टीका लगवाना चाहिए। संक्रमित सुइयों का उपयोग बीमारियों का मुख्य कारण है।

जागरण संवाददाता, पटना। वर्तमान समय में टैटू बनवाने का चलन तेजी से बढ़ रहा है, खासकर युवाओं में। विशेषज्ञों ने सस्ते टैटू बनवाने को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी है। उनका कहना है कि असुरक्षित और सस्ते टैटू बनवाने का चलन युवाओं को हेपेटाइटिस बी और सी जैसी गंभीर बीमारियों की चपेट में ला सकता है। छोटे शहरों में बिना लाइसेंस और सुरक्षा मानकों के चल रहे टैटू सेंटरों में यह खतरा और भी बढ़ जाता है।
इंडियन सोसाइटी ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के बिहार अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार झा और एम्स के गैस्ट्रोमेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. रमेश कुमार ने बताया कि हेपेटाइटिस बी और सी के वायरस रक्त के संपर्क में आने से फैलते हैं। टैटू बनवाते समय इस्तेमाल की जाने वाली सुई, स्याही या मशीन को अगर ठीक से सैनिटाइज नहीं किया जाता है, तो संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
अक्सर देखा जाता है कि सस्ते टैटू बनाने वाले हॉकर या अस्थायी स्टॉल लगाने वाले पुरानी सुइयों का दोबारा इस्तेमाल कर लेते हैं, जो संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आई होंगी। गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के ओपीडी आंकड़ों के अनुसार, हर दिन 20-30 मरीज हेपेटाइटिस से पीड़ित चिह्नित किए जाते हैं। इनमें हेपेटाइटिस बी के मरीज सबसे आम हैं, जबकि हेपेटाइटिस सी के मरीज दूसरे स्थान पर हैं।
पीएमसीएच के गैस्ट्रो विभाग के डॉ. मनीष कुमार भास्कर ने बताया कि पीएमसीएच में हर महीने हेपेटाइटिस बी और सी के 300 से ज्यादा मरीज आते हैं। इनमें से करीब 20 से 25 फीसदी मरीज टैटू बनवाते समय सुई नहीं बदलने की वजह से संक्रमित हो जाते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि जिन लोगों ने टैटू, पियर्सिंग या कोई भी सर्जरी करवाई है, उन्हें हेपेटाइटिस बी और सी के लिए अपने खून की जांच करानी चाहिए। इसके साथ ही हेपेटाइटिस बी का टीका (तीन खुराक) भी लगवाएं, जो सरकार की ओर से कई जगहों पर मुफ्त उपलब्ध है।
हेपेटाइटिस बी और सी के कारण: असुरक्षित यौन संबंध, एक से ज्यादा लोगों को सीरिंज का इस्तेमाल, खून का आदान-प्रदान, संक्रमित ब्लेड का इस्तेमाल, संक्रमित सुई से टैटू बनवाना, कान और नाक छिदवाना
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