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    पटना में आय से अधिक संपत्ति मामले में एसवीयू की बड़ी कार्रवाई, भवन निर्माण अधिकारी के ठिकानों पर छापेमारी

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 01:04 PM (IST)

    भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए, विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने भवन निर्माण विभाग के अधिकारी गजाधर मंडल के ठिकानों पर छापा मारा। आय से अधिक संपत ...और पढ़ें

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    एसवीयू का भवन निर्माण अधिकारी के ठिकाने पर छापा

    राज्य ब्यूरो, पटना। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने सोमवार को एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में एसवीयू ने भवन निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी गजाधर मंडल के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी शुरू की है। गजाधर मंडल वर्तमान में निदेशक, गुणवत्ता अनुश्रवण (उत्तर), भवन निर्माण विभाग, दरभंगा के पद पर तैनात हैं।

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    एसवीयू की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, गजाधर मंडल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में कांड संख्या-27/2025 दर्ज की गई है।

    आरोप है कि उन्होंने अपनी सेवा अवधि के दौरान विभिन्न पदों पर रहते हुए, एक लोक सेवक होने के बावजूद अवैध और जानबूझकर बड़ी मात्रा में संपत्ति अर्जित की।

    जांच में पाया गया है कि उनके पास लगभग 2 करोड़ 82 लाख 61 हजार रुपये की नाजायज संपत्ति है, जो उनके ज्ञात वैध आय स्रोतों से कहीं अधिक है।

    विशेष निगरानी इकाई ने यह कार्रवाई विशेष न्यायाधीश, निगरानी, पटना द्वारा जारी तलाशी वारंट के आधार पर की है। वारंट मिलने के बाद एसवीयू की अलग-अलग टीमों ने एक साथ भागलपुर और पटना में स्थित आरोपी के कार्यालय और आवासीय परिसरों पर छापेमारी शुरू की।

    छापेमारी के दौरान दस्तावेजों, संपत्ति से जुड़े कागजात, बैंक खातों, निवेश और अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्यों की गहन जांच की जा रही है।

    सूत्रों के मुताबिक, तलाशी अभियान के दौरान एसवीयू की टीम आय-व्यय से संबंधित दस्तावेजों के साथ-साथ जमीन, मकान, फ्लैट, बैंक लॉकर और अन्य संभावित निवेशों की भी जांच कर रही है।

    छापेमारी में बरामद होने वाले साक्ष्यों के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एसवीयू यह पता लगाने में जुटी है कि आरोपी ने किस तरह और किन माध्यमों से अवैध संपत्ति अर्जित की तथा इसमें किसी अन्य व्यक्ति या नेटवर्क की संलिप्तता है या नहीं।

    बताया जा रहा है कि गजाधर मंडल लंबे समय से निगरानी के रडार पर थे। प्रारंभिक जांच में उनकी आय और संपत्ति के बीच भारी असंतुलन सामने आने के बाद यह मामला दर्ज किया गया। इसके बाद न्यायालय से अनुमति लेकर यह छापेमारी की गई है।

    एसवीयू के अधिकारियों का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान आगे भी जारी रहेगा और किसी भी स्तर पर अनियमितता या अवैध संपत्ति अर्जन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जांच पूरी होने के बाद पूरे मामले का विस्तृत खुलासा किया जाएगा।