Bihar News: पटना के 175 स्कूलों से उठा ले गए कंप्यूटर, इस वजह से पढ़ाई हुई बाधित
पटना जिले के 175 स्कूलों में स्थापित आइसीटी लैब शिक्षा विभाग के आदेश पर बंद कर दी गई हैं। दो साल पहले बू-मॉडल के तहत कंप्यूटर लगाए गए थे। एजेंसी का पांच करोड़ बकाया होने पर कंप्यूटर हटा लिए गए जिससे पढ़ाई बाधित हुई। अब केवल 73 विद्यालयों में आईसीटी लैब चल रही हैं जबकि अन्य विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षकों को दूसरे काम दिए जा रहे हैं।

जागरण संवाददाता, पटना। जिले के 175 स्कूलों में एजेंसी की मदद से स्थापित आइसीटी लैब अब कहीं नहीं मिलेगी। शिक्षा विभाग के आदेश पर इन सभी लैब को स्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। अगस्त 2023 में शिक्षा विभाग के आदेश पर बू-मॉडल (एजेंसी) की मदद से जिले के 175 स्कूलों में आइसीटी लैब स्थापित की गई थी।
इसके तहत जिले के 42 प्रारंभिक स्कूलों में 10-10 कंप्यूटर और 133 माध्यमिक स्तर के स्कूलों में 20-20 कंप्यूटर लगाए गए थे। यह आइसीटी लैब करीब दो साल तक चली। इसके बाद 31 जनवरी 2025 को शिक्षा विभाग के एक आदेश के तहत आइसीटी लैब को बंद कर दिया गया और एजेंसी को आइसीटी लैब में लगे कंप्यूटर को हटाने का निर्देश दिया गया।
एजेंसी पर शिक्षा विभाग का पांच करोड़ बकाया
जिले के 175 स्कूलों में कंप्यूटर लगाकर आइसीटी लैब स्थापित करने वाली एजेंसी पर शिक्षा विभाग का करीब पांच करोड़ रुपये बकाया है। किराया राशि नहीं मिलने पर एजेंसी ने सभी विद्यालयों से कंप्यूटर हटा लिए और फरवरी 2025 से आईसीटी लैब पूरी तरह बंद हो गई। अब इन विद्यालयों में कंप्यूटर की पढ़ाई नहीं होती।
अब सिर्फ 73 विद्यालयों में आईसीटी लैब बची
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अब जिले में सिर्फ 73 विद्यालयों में आईसीटी लैब चल रही है। जिसमें 22 माध्यमिक और 51 प्राथमिक स्तर के विद्यालय शामिल हैं। इन विद्यालयों में आईसीटी लैब का संचालन एक अन्य एजेंसी बूट- मॉडल मार्क्स एजुकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। एजेंसी द्वारा कंप्यूटर शिक्षक भी उपलब्ध कराए जाते हैं।
422 विद्यालयों में हैं तीन सौ कंप्यूटर शिक्षक
73 विद्यालयों को छोड़कर जिले के किसी भी प्राथमिक और माध्यमिक स्तर के विद्यालय में कंप्यूटर नहीं है। जिले में कुल 422 माध्यमिक स्तर के विद्यालय हैं। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) ने इन विद्यालयों में एक-एक कंप्यूटर उपलब्ध कराया है। जिसका उपयोग सिर्फ बिहार बोर्ड से संबंधित कार्यों के लिए किया जाता है।
इसके जरिए पढ़ाई नहीं होती। जबकि जिले के 422 विद्यालयों में से 300 विद्यालयों में कम्प्यूटर शिक्षक कार्यरत हैं। कम्प्यूटर की कमी के कारण इन शिक्षकों को कम्प्यूटर शिक्षण के अलावा अन्य कार्य दिया जाता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।