पटना साहिब में शिक्षा व स्वास्थ्य में करना होगा बेहतर सुधार, स्लम बस्तियां उपेक्षित
पटना साहिब विधानसभा क्षेत्र में मतदाता नए विधायक के चुनाव के लिए उत्साहित हैं। वे जनहित के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, जाम की समस्या और जल निकासी की समस्या। मतदाताओं का कहना है कि वे उसी को वोट देंगे जो सेवक बनकर इन समस्याओं का समाधान करेगा और क्षेत्र का विकास करेगा।

पटना साहिब के खाजेकलां थाना अन्तर्गत नेहरू चिल्ड्रेन पार्क में चुनाव पर चर्चा करते मतदाताl जागरण
जागरण संवाददाता, पटना सिटी(पटना)। पटना साहिब विधानसभा का नया विधायक चुनने के लिए महिला-पुरुष मतदाताओं में अभी से उत्साह देखा जा रहा है। घरों से लेकर गली-मोहल्लों, चौक चौराहों पर क्षेत्र में तैरते जनहित से जुड़े मुद्दों पर बातें हो रहीं हैं। चुनावी मैदान में उतरे युवा प्रत्याशियों के व्यक्तित्व, छवि, दूरदर्शिता, उनकी शैक्षणिक योग्यता, जनता से करीबी रिश्ते, जुझारूपन और सबको साथ लेकर चलने की मंशा आदि को वोटर कुछ बोलने से पहले तौलने लगे हैं।
बदली सियासी फिजा और वोटरों की जागरूकता के कारण इस बार मतदान का प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। लोकतंत्र की मजबूती के लिए इसे शुभ संकेत माना जा रहा है। क्षेत्र के जागरूक वोटरों से बातचीत करने के लिए दैनिक जागरण ने बुधवार को खाजेकलां थाना अन्तर्गत नेहरू चिल्ड्रेन पार्क में चुनावी चौपाल लगायी।
बातचीत के क्रम में मतदाताओं ने स्पष्ट संकेत दिये कि इस बार अपना मत उन्हें ही देंगे जो सेवक बन कर जनहित से जुड़े मुद्दों के समाधान कराने के प्रति वचनबद्ध होंगे। जिनमें सेवाभाव व समर्पण के साथ जुनून नजर आएगा। संजय चंद्रवंशी ने कहा कि विकास के बीच पटना साहिब में उच्च शिक्षा के क्षेत्र के विकास का अहम मुद्दा पीछे छूट गया।
महिला विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़ाने तथा उपलब्ध विश्वविद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तथा व्यवस्था सुनिश्चित किया जाना बाकी है। दिलीप कुमार बोले कि पटना सिटी की जाम समस्या आज भी देशभर में चर्चित है। यहां यातायात व्यवस्था नाम की चीज ही नहीं।
जेपी गंगा पथ व गंगा किनारे सड़क बनी लेकिन अशोक राजपथ, सुदर्शन पथ पर जाम बरकरार है। बलराम चौधरी ने कहा कि क्षेत्र में जल निकासी की व्यवस्था ठीक नहीं। नमामि गंगे योजना फ्लाप हो चुकी है। जनता जल जमाव से परेशान है। छोटी पहाड़ी से लेकर दीदारगंज के बीच तीस सालों में एक भी संप हाउस नहीं बना।
स्लम बस्तियों में रहने वाले वोटरों के बीच सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं पहुंचा। पुनर्वास नहीं हुआ। यहां विकास कोसों दूर है। संजय अलबेला ने कहा कि क्षेत्र में जो विकास हुआ वह टिकाऊ नहीं रहा। मंगल तालाब व परिसर का पूर्व में हुआ विकास एक उदाहरण है। निगरानी व्यवस्था विकसित करनी होगी।
वेंडिंग जोन न होने से हर तरफ अतिक्रमण पसरा है। मधु कुमारी ने कहा कि लड़कियों की शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान देना होगा। नैक का ए ग्रेड मान्यता प्राप्त एक भी कालेज पटना साहिब में नहीं है। घर से बाहर निकलने वाली महिलाओं के लिए क्षेत्र में शौचालय की सुविधा नहीं है।
अभिषेक श्रीवास्तव बोले कि एनएमसीएच से लेकर सिटी सदर अस्पताल तक की चिकित्सा व्यवस्था बदहाल है। मरीज रेफर किये जा रहे हैं। किसी को इसका सच जानना है तो किसी अपने मरीज को इस अस्पताल में भर्ती करा कर देख ले। एजाजुद्दीन उर्फ शानू ने कहा कि भ्रष्टाचार चरम पर है।
बिना दलाली दिए जनता का काम नहीं होता है। सड़कों व गलियों का बुरा हाल है। गरीबों का शोषण हो रहा है। जन वितरण प्रणाली की दुकानों से राशन मिलने में गड़बड़ी है। अशोक कुमार आजाद ने कहा कि दिल्ली की तर्ज पर बिहार और पटना साहिब में भी मोहल्ला क्लीनिक बनाया जाए ताकि चिकित्सा सेवा सभी को सहज मिल सके।
विकास हुआ पर जाम की समस्या अब भी बरकरार गोरखनाथ सिंह ने कहा कि विकास हुआ है लेकिन जाम की समस्या बरकरार है। अस्पतालों, स्कूलों व कालेजों की कमी है। रविकुमार बोले कि जल जमाव से जनता त्रस्त है। अस्पतालों में आयुष्मान योजना का लाभ दावों के अनुरूप नहीं मिल रहा। उत्कर्ष दीप ने कहा कि रोजगार जनित शिक्षा की व्यवस्था पटना साहिब में भी होनी चाहिए।
आम लोगों के कौशल विकास की योजना पर काम जरूरी है। राहुल कुमार ने कहा कि अपराध चरम पर है। पटना साहिब क्षेत्र में पुलिसिया व्यवस्था ढीली और भ्रष्ट है। जनता का सहयोगी बन कर पुलिस काम करे। हर व्यक्ति अपराधियों और पुलिस कर्मियों से डर कर जी रहा है। अखिलेश कुमार ने कहा कि मोहल्ले के पार्कों को ठीक कर समाज को स्वस्थ माहौल देना होगा।
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