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    पटना साहिब में नामांकन से पहले उम्मीदवारों पर सस्पेंस, कौन होगा सियासी मैदान का सिकंदर?

    Updated: Fri, 10 Oct 2025 10:52 AM (IST)

    पटना साहिब विधानसभा चुनाव में नामांकन से पहले उम्मीदवारों के नामों पर सस्पेंस बरकरार है। एनडीए, महागठबंधन और जन सुराज पार्टियों ने अभी तक अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है, जिससे मतदाताओं में ऊहापोह की स्थिति है। विभिन्न नामों पर अटकलें लगाई जा रही हैं, और क्षेत्र में खामोशी छाई हुई है। भाजपा और महागठबंधन दोनों में टिकट के लिए दावेदारी जारी है, जिससे मुकाबला दिलचस्प होने की संभावना है।

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    अहमद रजा हाशमी, पटना सिटी। पटना साहिब विधानसभा का मौजूदा चुनाव बेहद दिलचस्प होगा। परिणाम भी चौकाने वाले होने की उम्मीद है। इससे पहले एनडीए, महागठबंधन, जन सुराज समेत निर्दलीय उम्मीदवारों के नाम की घोषणा गुरुवार तक नहीं हुई। उम्मीदवार का नामांकन शुक्रवार से शुरू होने वाला है। 

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    मतदाताओं में ऊहापोह की स्थिति बनी है। हर चौक चौराहों पर उम्मीदवारों के नामों पर ही चर्चा हो रही है। सभी अपने-अपने तरीके से पटना साहिब के प्रत्याशी के नाम पर अटकलें लगा रहे हैं। 

    क्षेत्र में छाई खामोशी आने वाले तूफान की संकेत

    माना जा रहा है कि उम्मीदवार के नाम की घोषणा न होने से विधानसभा क्षेत्र में छाई खामोशी आने वाले तूफान का पता बता रही है। मचने वाले सियासी घमासान में परिणाम कुछ भी हो सकता है। क्षेत्र के अनुभवी व जनजन के बीच भाजपा नेता अपने समर्थकों के बीच एनडीए के प्रबल प्रत्याशी बने हुए हैं। 

    इसी बीच मौजूदा सरकार में एक युवा मंत्री को पटना साहिब से प्रत्याशी बनाने की बात भी चर्चा में है। लोगों में चर्चा यहां तक है कि पटना साहिब विधानसभा चुनाव में बेहद कम अंतर से हारे तत्कालीन राजद और वर्तमान में भाजपा नेता भी खामोशी से टिकट पर टकटकी लगाए हैं। 

    लोगों में चर्चा है कि पार्टी इस चेहरे पर विचार करे तो चुनाव लड़ने से उन्हें गुरेज नहीं। इसी बीच लगातार सुर्खियों में रहे भाजपा के एक युवा नेता ने पटना साहिब से अपनी दावेदारी ठोक रखी है। 

    युवा नेता ने चुनाव लड़ने की ठानी

    अपने समाज समेत सभी का भरपूर समर्थन मिलने का दावा करते करने वाले यह युवा ने चुनाव लड़ने की ठानी है कोई टिकट दे या न दे। इस जिद से कई के माथे का शिकन गहरा गया है। भाजपा समर्थकों का एक वर्ग अनुभव बनाम युवा की बात कह समर्थन का हिमायती नजर आ रहा है।

    पटना साहिब के लिए महागठबंधन के उम्मीदवार के नाम को लेकर भी तस्वीर कुछ स्पष्ट नहीं है। उम्मीदवार कांग्रेस का होगा या राजद का। स्थानीय होगा या बाहरी। यह मतदाताओं के बीच चर्चा का विषय बना है। 

    महागठबंधन की जीत की रणनीति को झटका 

    आपसी खींचतान से महागठबंधन की जीत की रणनीति को झटका लग सकता है। कांग्रेस की ओर से उच्च शिक्षा प्राप्त एक स्थानीय युवा एवं जन समस्याओं को लेकर क्षेत्र में सक्रिय रहने वाले राजद का एक युवा चेहरा दावेदारी में आगे है। 

    कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता भी टिकट की रेस में शामिल हैं। जन सुराज पार्टी ने भी पटना साहिब विधानसभा सीट के लिए उम्मीदवार के नाम का खुलासा नहीं किया है। कई पार्टियों से करीब रहे एक समाजसेवी युवा ने जन सुराज के पिच से शानदार बल्लेबाजी करने का दावा करते हुए अपना अभ्यास तेज कर दिया है। 

    कई निर्दलीय चेहरे भी चुनावी मैदान में किस्मत आजमाने की तैयारी में जुटे हैं। लोगों के बीच जारी इन सभी चर्चाओं के बाद भी विधानसभा क्षेत्र में छायी खामोशी के बीच एक आवाज बुलंद हो रही है कि उम्मीदवार के नाम की घोषणा पार्टी जल्दी करे ताकि जनता के बीच जाने और उनकी जय जयकार करने कर मौका अधिक मिल सके।