Bihar Bhumi: बिना रेरा निबंधन जमीन बिक्री करने वालों की ईओयू-ईडी भी करेगी जांच, जानिए पूरी डिटेल
रेरा निबंधन के बिना प्रोजेक्ट बेचने वालों और गलत तरीके से जमीन की खरीद-बिक्री करने वाले एजेंटों पर बिहार रेरा ने सख्त कार्रवाई की है। दोषी एजेंटों पर भारी जुर्माना लगाया गया है और उनके कृत्यों की जांच अब आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी एजेंसियां करेंगी। देवनागरी ग्रीन सिटी के एक एजेंट पर 75 लाख का जुर्माना लगाया गया है।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिना रेरा निबंधन के प्रोजेक्ट बिक्री करने वालों और एजेंट निबंधन के आधार पर प्रोजेक्ट बनाकर जमीन की खरीद-बिक्री करने वालों पर जुर्माना तो लगाया ही जा रहा, इनकी जांच अब आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी जांच एजेंसियों से भी कराई जाएगी।
बिहार रेरा ने ऐसे गैर-निबंधित प्रोजेक्ट और दोषी एजेंटों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। बिहार रेरा (Bihar RERA) के अध्यक्ष विवेक कुमार सिंह की एकल पीठ ने देवनागरी ग्रीन सिटी नाम से निबंधित रियल एस्टेट एजेंट के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए ऐसा ही आदेश पारित किया है।
इस आदेश में रेरा अधिनियम (Bihar RERA Rules) के उल्लंघन करने पर एजेंट पर 75 लाख का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही एजेंट की कृत्यों की जानकारी ईओयू और ईडी से साझा करने का निदेश दिया है, ताकि ये एजेंसियां भी एजेंट की आर्थिक गतिविधियों की जांच कर आवश्यक कार्रवाई कर सकें।
दरअसल, रेरा बिहार की ओर से हाल के दिनों में अपना जांच दल सारण, भागलपुर और पूर्णिया जिलों में भेजा गया था। इसमें यह बातें सामने आई कि बहुत से निबंधित एजेंट अपना प्रोजेक्ट बनाकर जमीन की खरीद-बिक्री कर रहें हैं। इन प्रोजेक्ट का रेरा से निबंधन नहीं कराया गया है।
ऐसे चिह्नित एजेंटों पर स्वप्रेरित कार्रवाई शुरू की गई है। अध्यक्ष ने अपने आदेश में रेरा अधिनियम के दो प्रविधानों के उलंघन के आधार पर जुर्माना लगाया है।
पहला मामला अनिबंधित प्रोजेक्ट शिव विहार फेज-एक में प्लॉट की बिक्री से जुड़ा है, जिसको लेकर देवनागरी ग्रीन सिटी नाम से निबंधित एजेंट पर 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
वहीं, दूसरे मामले में आरोपित एजेंट पर निबंधन की शर्तों की अवहेलना करने के आरोप में 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
अध्यक्ष ने अपने आदेश में एजेंट के निबंधन को निरसितकरने की कारवाई भी शुरू करने का आदेश दिया है। इसके साथ आइजी निबंधन को शिव विहार फेज एक नाम के प्रोजेक्ट में किसी भी प्रकार के निबंधन पर रोक लगाने का आग्रह किया है।
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