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    विदाई समारोह में माफिया से उपहार लेना पटना के पुल‍िस अधिकारी को पड़ गया महंगा, SSP लेंगे एक्‍शन

    By Ashish Shukla Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Sat, 20 Dec 2025 07:12 PM (IST)

    पटना के बिक्रम के तत्कालीन थानाध्यक्ष विनोद कुमार को विदाई समारोह में माफिया से उपहार लेना महंगा पड़ा। सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एसपी पश्चिमी भ ...और पढ़ें

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    व‍िदाई समारोह में गिफ्ट लेते तत्‍कालीन थानेदार की तस्‍वीर।

    जागरण संवाददाता, पटना। तत्कालीन बिक्रम थानाध्यक्ष विनोद कुमार को विदाई समारोह में पहुंचे शराब और बालू माफिया से उपहार लेना महंगा पड़ गया। किसी ने सोशल मीडिया पर इसे वायरल कर दिया। 

    उसमें बिक्रम के तत्‍कालीन थानाध्यक्ष विनोद कुमार पर विदाई समारोह के दौरान शराब और बालू माफिया से उपहार लेने का आरोप लगाया गया था। मामला संज्ञान में आते ही एसपी पश्चिमी भानू प्रताप सिंह ने जांच का निर्देश दिया गया।

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    24 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट तैयार की गई। अलग अलग ब‍िंदुओं पर हुई जांच में प्रथम दृष्टया थानाध्यक्ष दोषी पाए गए। एसनी ने बताया कि रिपोर्ट मिलने के बाद उनके विरूद्ध कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। साथ ही उनके अग्रतर कार्यवाही के लिए वरीय पुलिस अधीक्षक को अनुशंसा कर दी गई है। 

    उन्होंने बताया कि तीन ब‍िंदुओं पर जांच की गई। जांच रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने बिहार सरकार सेवक नियमावली-1976 के नियम-14 का उल्लंघन किया है, जो उपहार लेने से संबंधित है।

    उनकी श्रेणी के हिसाब से मिले उपहारों का अलग से मूल्यांकन किया जा रहा है। इसके अलावा थानाध्यक्ष के पद पर नियुक्त व्यक्ति एक लोक सेवक होते हैं।

    कैसे व‍िदाई समारोह का क‍िया आयोजन?

    बिहार सरकारी सेवक नियमावली-1976 के नियम-15 के तहत सरकारी सेवक को विदाई समारोह सरकार की पूर्व स्वीकृति के बिना करने की अनुमति नहीं है। इस आधार पर भी उन्हें दोषी पाया गया है।

    जांच में यह भी सामने आया कि समारोह में आपराधिक प्रवृत्ति के कई लोग उपस्थित थे। इसमें एक बालू, एक शराब और एक पूर्व में भू-माफिया रहा है। इन पर पूर्व में कई केस दर्ज हैं।

    इनके खिलाफ संपत्ति कुर्की के लिए प्रस्ताव भी भेजा गया है। जो सामुदायिक पुलिसिंग की भावना के साथ साथ आम जनता में पुलिस के भरोसे को कमजोर करती है। इस संदर्भ में भी उन्हें दोषी पाया गया है।

    इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए तत्कालीन थानाध्यक्ष के विरुद्ध कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है तथा उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा भेजी गई है।