Bihar Tourism: पटना वालों की बल्ले-बल्ले, दीघा घाट से लेकर इन 2 जगहों तक चलेगी स्टीमर; 5 स्टार होटल बनाने का एलान
Patna News बिहार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्री राजू कुमार सिंह ने कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। उन्होंने पटना के दीघा घाट से सोनपुर के हरिहरनाथ मंदिर और दीघा घाट से कंगन घाट तक स्टीमर सेवा शुरू करने की संभावनाओं पर काम करने का निर्देश दिया है। पटना में तीन नए फाइव स्टार होटलों के निर्माण की निविदा प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Tourism: पटना के दीघा घाट से सोनपुर के हरिहरनाथ मंदिर और दीघा घाट से कंगन घाट तक स्टीमर सेवा शुरू की जा सकती है। पर्यटन मंत्री राजू कुमार सिंह ने गुरुवार को विभागीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को स्टीमर परिचालन की संभावनाओं पर काम करने का निर्देश दिया।
इसके साथ ही पटना में बनने वाले तीन नए फाइव स्टार होटलों के निर्माण की निविदा प्रक्रिया को जल्द अंतिम स्वरूप देने का निर्देश मंत्री ने दिया है। उन्होंने कहा कि निजी होटलों की बुकिंग भी विभागीय पोर्टल से कराई जाए।
पर्यटन निदेशालय सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में मंत्री ने मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा में स्वीकृत योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने का निर्देश दिया। बिहार पर्यटन नीति में मैरेज हाल से संबंधित योजनाओं पर अनुदान की संभावनाओं को तलाशने का निर्देश भी दिया गया।
अभियंताओं के पद पर भी नियुक्ति की प्रकिया
इसके साथ ही बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम में अभियंताओं के पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया यथाशीघ्र पूरी करने, विभिन्न पौराणिक मेला-महोत्सव को भव्य रूप में मनाने की कार्ययोजना बनाने को कहा गया।
पदभार ग्रहण करने के बाद आयोजित पहली बैठक में पर्यटन मंत्री का स्वागत पर्यटन सचिव लोकेश कुमार सिंह ने किया। सचिव ने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से मंत्री को विभिन्न पर्यटन सर्किट और राज्य एवं केंद्र की योजनाओं के अद्यतन स्थिति के बारे में जानकारी दी गई।
इन योजनाओं पर होने वाले व्यय की राशि से भी अवगत कराया गया। बैठक में पर्यटन निदेशक उदयन मिश्रा, बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक नंद किशोर, महाप्रबंधक चंदन चौहान आदि उपिस्थत थे।
स्टीमर क्या होता है?
स्टीमर एक प्रकार का जलयान होता है, जो भाप के इंजन से चलने वाला होता है। यह जलयान जल पर चलता है और इसका उपयोग मुख्य रूप से नदियों, झीलों और तटीय क्षेत्रों में यात्रियों और माल को परिवहन करने के लिए किया जाता है।
स्टीमर में एक भाप इंजन होता है, जो जल को गर्म करके भाप बनाता है। यह भाप तब एक टरबाइन या पिस्टन इंजन को घुमाती है, जो जलयान को आगे बढ़ाता है।
स्टीमर का उपयोग मुख्य रूप से 19वीं और 20वीं शताब्दी में किया जाता था, जब यह जल परिवहन का एक मुख्य साधन था। हालांकि, आधुनिक समय में, स्टीमर का उपयोग मुख्य रूप से पर्यटन और मनोरंजन के लिए किया जाता है।
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