Patna News: ठंड में बाइक की तेज रफ्तार से 'हाइपोथर्मिया' का हो जाएंगे शिकार, खतरनाक होते हैं इसके लक्षण
Patna News कड़ाके की ठंड के कारण मोटरसाइकिल चालक अस्पताल पहुंच रहे हैं। एलएनजेपी हड्डी सुपरस्पेशियलिटी हास्पिटल में प्रतिदिन 20-25 लोग सड़क दुर्घटना में घायल होकर इमरजेंसी में पहुंच रहे हैं। आइजीआइएमएस में भी तीन से पांच घायल हेड इंज्युरी मल्टीपल फ्रैक्चर व आंखों में चोट लेकर पहुंच रहे हैं। ठंड के साथ तेज रफ्तार बाइक चलाना भी एक बड़ा कारण है।

पवन कुमार मिश्र, पटना। Patna News: कड़ाके की ठंड की अनदेखी मोटरसाइकिल चालकों को अस्पताल पहुंचा रही है। लोकनायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेपी) हड्डी सुपरस्पेशियलिटी हास्पिटल में गत एक सप्ताह से हर दिन 20 से 25 लोग सड़क दुर्घटना में घायल होकर इमरजेंसी में पहुंच रहे हैं।
वहीं, आइजीआइएमएस में हर दिन तीन से पांच घायल हेड इंज्युरी, मल्टीपल फ्रैक्चर व आंखों में चोट लेकर पहुंच रहे हैं। इसका एक बड़ा कारण ठंड के साथ बाइक की तेज रफ्तार भी है। डाक्टरों के अनुसार, अभी राजधानी का तापमान भले ही 10 डिग्री सेल्सियस है, लेकिन लगातार सीधे तेज रफ्तार की ठंडी हवा लगने से इसका दुष्प्रभाव 4.5 डिग्री सेल्सियस के बराबर होता है।
हाइपोथर्मिया की चपेट में आ सकते हैं युवा
आइजीआइएमएस के चिकित्साधीक्षक डा. मनीष मंडल ने बताया कि हाइपोथर्मिया का कारण ठंडी हवा व गीली वस्तुओं के संपर्क में आना है। शीतलहर में बाइक चालकों के शरीर का तापमान तेजी से कम हो सकता है। चेहरे पर ठंडी हवा युवाओं को मजेदार लगती है लेकिन इससे वे हाइपोथर्मिया की चपेट में आ सकते हैं।
कॉटन बनियान, थर्मल इनर, उसके ऊपर फिर एक पतला वूलेन व ऊपर इंसुलेटेड जैकेट जो ठंड से निपटने के लिए डिजायन की गई हो व कहीं कोई खुली जगह न हो जहां से हवा अंदर जा सके, बेहतर बचाव हो सकता है। दस्ताने, गर्म मोजे व जूते के अलावा पैंट के नीचे थर्मल इनर पहनना जरूरी है।
यदि दस्ताने के बावजूद अंगुलियां सही ढंग से काम नहीं करे तो कहीं रुक कर उन्हें गर्म करना चाहिए। अन्यथा हैंडल व ब्रेक पर नियंत्रण खोने की आशंका बढ़ जाती है। चश्मे का लेंस ऐसा लें जिस पर कोहरे का असर नहीं हो।
यदि बाइक से ज्यादा दूरी तय कर रहे हैं तो बीच-बीच में ठंड का अहसास हाेते ही कहीं अलाव तापें या कोई गर्म पेय पिएं। यदि कोई बेहोश हो जाएं या तेज ठंड लगे तो उसे तुरंत गर्म जगह ले जाएं।
हाथ तुरंत सुन्न हो जाता है
ऐसे में हाथ तुरंत सुन्न हो जाता है और मोटरसाइकिल पर नियंत्रण बहुत कम हो जाता है। एलएनजेपी के निदेशक डा. सुभाष चंद्रा ने बताया कि सीधी ठंडी हवा के दुष्प्रभाव से बचने के लिए कई लेयर में थर्मल कपड़े पहनने के साथ आंख में चश्मे, हाथों में दस्ताने व नाक-मुंह एवं गले को मफलर से ढंक लेना चाहिए।
हेलमेट जरूर पहनें
हेलमेट जरूर पहनें ताकि हादसा होने पर सिर में गंभीर चोटें नहीं लगे। जैसे ही ज्यादा ठंड महसूस हो बाइक रोक कर गर्म चाय-काफी या पानी पिएं लेकिन सिगरेट आदि में गर्मी नहीं तलाशें। मोटरसाइकिल मैकेनिक संजय कुमार ने बताया कि बाइक स्टार्ट करते समय चोक का इस्तेमाल करें।
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