Bihar News: एंबुलेंस कर्मियों ने बिहार में मरीजों की बढ़ाई परेशानी, सरकार से रख दी ये मांग
पटना में डायल 102 एंबुलेंस चालक हड़ताल पर चले गए हैं। एंबुलेंस चालकों के हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित हुई है। एंबुलेंस चालक अपनी छह सूत्री मांगों को लेकर सामूहिक हड़ताल पर बैठे हैं। सिविल सर्जन देर शाम तक हड़ताल खत्म कराने को लेकर हड़तालियों के साथ बैठक की लेकिन कोई बात नहीं बनी। एंबुलेंस सेवा बंद होने से मरीजों को काफी परेशानी हो रही है।

जागरण संवाददाता, पटना। चिकित्सकीय आपात की पहली जरूरत एंबुलेंस होती है। डायल 102 सरकारी एंबुलेंस सेवा जिम्मेदारी नई एजेंसी को मिलने के बाद से बिगड़ा माहौल अब सामूहिक हड़ताल तक पहुंच गया है।
मंगलवार को हाईकोर्ट, मुख्यमंत्री आवास, राज्यपाल आवास समेत किसी भी जगह पर एंबुलेंस तैनात नहीं थी। इसके बाद सिविल सर्जन कार्यालय सक्रिय हुआ और हड़तालियों संग बैठक की, लेकिन बात नहीं बनी।
बिहार राज्य एंबुलेंस महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद मुस्लिम, महासचिव देवरंजन, संयोजक सैयद मोवसीर हुसैन ने कहा कि जब तक उनकी छह सूत्री मांगें पूरी नहीं होंगी, वे हड़ताल पर रहेंगे।
सड़क दुर्घटना के मरीज सबसे ज्यादा प्रभावित
जिले में पहले से कम है 50 एंबुलेंस
एंबुलेंस महासंघ के पदाधिकारियों से वार्ता कर हड़ताल खत्म करने को कहा गया है। उनकी जायज मांगें पूरी कराने का आश्वासन दिया गया है। यह इमरजेंसी सेवा है, वे एकसाथ इसे ठप नहीं कर सकते। - डॉ. अविनाश कुमार सिंह, सिविल सर्जन पटना
ये हैं छह सूत्री मांगें
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वेतन भुगतान, श्रम अधिनियम के तहत अति कुशल श्रमिक के रूप में किया जाए क्योंकि वे 2012 से यही काम कर रहे हैं। -
60 वर्ष की उम्र तक सभी कर्मचारियों का समायोजन किया जाएगा। -
जब तक जिले में निर्धारित एंबुलेंस की कमी दूर नहीं होती, तब तक घर बैठे कर्मियों से रिलीवर के रूप में कार्य लिया जाए जिससे उनका परिवार चल सके। -
सभी एंबुलेंस चालकों व टेक्निशियन को नियुक्ति पत्र, आइडी कार्ड अविलंब दिया जाए। -
वेतन भुगतान की समयावधि निश्चित की जाए व सैलरी स्लिप दी जाए। -
एमवीआई के द्वारा सभी एंबुलेंस के एवरेज मानक सुनिश्चित कराए जाएं।
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