अपराधियों में भय बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीक से लैस हो पुलिस, बिहार के उद्यमियों ने DGP से कानून व्यवस्था पर की चर्चा
बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के सदस्यों ने पुलिस महानिदेशक विनय कुमार के साथ कानून व्यवस्था पर चर्चा की। व्यवसायियों ने घटनाओं का तुरंत खुलासा करने और पुलिस को आधुनिक तकनीक से लैस करने की बात कही। डीजीपी ने कहा कि सुझावों पर काम चल रहा है और मासिक बैठकें आयोजित की जाएंगी। व्यवसायिक क्षेत्रों में पेट्रोलिंग बढ़ाने और ट्रैफिक नियंत्रण कक्ष बनाने की मांग की गई।

जागरण संवाददाता, पटना। बिहार चैम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के सदस्यों के साथ बिहार के पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने राज्य के विधि-व्यवस्था से संबंधित विषयों पर विस्तार पूर्वक चर्चा हेतु बैठक की।
बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक पंकज कुमार दाराद, पारस नाथ, सुधांशु कुमार एवं सुनील कुमार के साथ-साथ पुलिस महानिरीक्षक सेन्ट्रल रेंज जितेन्द्र राणा, वरीय पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय के शर्मा, नगर पुलिस अधीक्षक परिचय कुमार, भानु प्रताप सिंह एवं दीक्षा भी मौजूद थे।
चैम्बर अध्यक्ष सुभाष पटवारी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन से व्यवसायी समाज की काफी अपेक्षाएं होती है। उन्होंने आगे कहा कि घटनाओं में त्वरित उजागर करने से व्यवसायी समाज में आत्मविश्वास बढ़ता है साथ ही अपराधियों का मनोबल गिरता है।
अपराध पर नियंत्रण पाने के लिए एवं अपराधियों के मन में पुलिस का भय हो इसके लिए पुलिस को भी आधुनिक तकनीक एवं कानूनी शक्तियों से लैस होना आवश्यक है। कहा कि पुलिस आमजन के लिए मित्रवत चेहरा हो।
व्यावसायिक स्थलों पर कार्यावधि एवं रात्रि पेट्रोलिंग पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, ज्यादा घटना वाले क्षेत्रों को चिन्हिृत किया जाना चाहिए, निर्धारित समय के अन्दर जांच का निपटारा किया जाना चाहिए, पटना में अधिकाधिक पुलिस की पेट्रोलिंग मोटरसाइकिल के माध्यम से कराया जाना चाहिए। चैम्बर के पूर्व अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने चैंबर की ओर से एक विस्तृत ज्ञापन डीजीपी को दिया।
जिला स्तर पर हर माह व्यवसायियों की समस्याओं को लेकर होगी बैठक
डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि ज्ञापन में जो सुझाव दिए गए उन सभी पर कार्य चल रहा है । पटना के सभी कैमरे को एक जगह जोड़ा जा रहा तथा इसकी संख्या भी बढ़ायी जा रही क्योंकि अपराध नियंत्रण में इसकी प्रमुख भूमिका होती है। आउट पोस्ट एवं चेक पोस्ट की संख्या बढ़ाई जा रही है।
उन्होंने बताया कि राज्य के सभी थानों मे जिला स्तर पर माह में एक बार उस क्षेत्र के व्यवसायियों की समस्याओं को जानने एवं उसके समाधान के लिए बैठक आयोजित की जाएगी। राज्य स्तर पर छः माह में एक बैठक अवश्य आयोजित की जाएगी।
उस बैठक की कार्यवाही बनेगी साथ उस पर क्या कार्रवाई उसका एक्शन टेकेन रिपोर्ट बनायी जाएगी।
उनका प्रयास है कि राज्य के उद्यमी एवं व्यवसायी निर्भिक होकर अपना व्यवसाय करें और राज्य के आर्थिक विकास अपना योगदान देते रहें। आर्मस लाइसेंस के संबंध में वे मुख्य सचिव से वार्ता करेंगे और जिनको जरूरत होगी उन्हें अवश्य दिया जाएगा।
प्रमुख मांगें
- बड़े पुलिस थानों के अर्न्तगत ज्यादा पुलिस आउट पोस्ट की स्थापना की जाए ।
- व्यापारिक अवधि में पेट्रोलिंग बढ़ायी जानी चाहिए।
- पुलिस प्रशासन में व्यापारियों एवं उद्यमियों के लिए एक विशेष विंग की स्थापना किया जाना चाहिए ।
- अपराध पर अंकुश लगाने के लिए अधिकाधिक स्थानों पर सीसीटीवी लगाया जाना चाहिए।
- ट्रैफिक की समस्या में कई विभागों की भागीदारी होती है इसलिए सभी संबंधित विभागों के वरीय पदाधिकारियों की एक कमिटी बनाकर संयुक्त रूप से पहल किया जाना चाहिए।
- राज्य में वाहनों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि को ध्यान में रखते हुए अलग से यातायात नियंत्रण कक्ष बनाया जाना चाहिए।
- ओवरब्रिज के नीचे अतिक्रमण को हटाकर पार्किंग बनायी जानी चाहिए।
- ओवर स्पीड वाहनों पर नियंत्रण के लिए सभी यातायात थानों को इंटरसेप्टर वाहन मुहैया कराया जाना चाहिए।
- ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने हेतु रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर बजाने एवं बैंड-बाजा पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
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