सावधान! धड़ल्ले से बिक रही तीन बच्चियों की जान लेने वाली चमकीली हल्दी, रातभर भिगोने पर भी नहीं खत्म होता जहर
Patna News खाने में प्रयोग होने वाली हल्दी में लेड क्रोमेट की मिलावट की पुष्टि हुई है। भोजपुर के तीन नमूनों और पटना के एक नमूने में लेड क्रोमेट की मिल ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: खाने को आकर्षक रंग देने के साथ सर्दी-जुकाम, चोट के दर्द में राहत समेत तमाम औषधीय गुणों से भरपूर हल्दी को हमारी नासमझी ने जहर बना दिया है। चमकदार गाढ़े पीले रंग की हल्दी की हमारी चाहत इतनी बढ़ी कि दुकानदारों ने सेहत की चिंता किए बिना इसमें खतरनाक जहरीला रसायन लेड क्रोमेट मिलाना शुरू कर दिया।
पिसी के साथ खड़ी हल्दी ले उसे पिसाकर इस्तेमाल करने वाले भी इससे अछूते नहीं है। खड़ी हल्दी को भी चमकदार गाढ़े पीले रंग से आकर्षक दिखाने के लिए लेड क्रोमेट का प्रयोग किया जा रहा है। यह बात खाद्य संरक्षा विभाग द्वारा कराई गई जांच में साबित हो चुकी है। भोजपुर के तीन नमूनों व राजधानी पटना के एक नमूने में लेड क्रोमेट की मिलावट की पुष्टि हुई है।
प्रदेश भर को मसाले-मेवे की आपूर्ति करने वाली मारूफगंज थोक मंडी पटना में होने के बावजूद सिर्फ एक नमूने में मिलावट का कारण यहां अधिकारियों के पहुंचते ही दुकानें बंद होने से नमूना नहीं ले पाना है। ये नमूने राजधानी के शास्त्री नगर थानान्तर्गत आवास गृह की तीन बच्चियों की गत 7 व 8 नवंबर को मौत के बाद लिए गए थे।
इन बच्चियों ने बैंगन की सब्जी व रोटी खाई थी, उसमें जो हल्दी प्रयोग की गई थी, उसमें लेड क्रोमेट की पुष्टि हुई थी। वहीं धनिया में फंगस मिलने पर उसे भी अमानक पाया गया था। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथारिटी आफ इंडिया (एफएसएसएआइ) ने खाद्य सामग्रियों में लेड क्रोमेट की मिलावट को अस्वास्थ्यकर व गैरकानूनी घोषित किया हुआ है।
रातभर भिगोने पर भी नहीं खत्म होता जहर
पटना व भोजपुर के खाद्य संरक्षा पदाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि लेड क्रोमेट इतना खतरनाक जहर होता है कि यदि आप बाजार से गाढ़े चमकदार पीले रंग वाली खड़ी हल्दी लेकर आते हैं और रातभर पानी में फुलोकर, सुखाने के बाद पिसाते हैं तब भी इसका दुष्प्रभाव पूरी तरह खत्म नहीं होता है। इससे केवल लेड क्रोमेट की विषाक्तता थोड़ी कम हो जाती है।
खेत से आने वाली मटमैली हल्दी जांच कर करें खरीदारी
अजय कुमार ने बताया कि पिसी के साथ अब खड़ी हल्दी को भी व्यापारी सुंदर व चमकदार पीला दिखाने के लिए लेड क्रोमेट से रंग रहे हैं। ग्राहकों को चाहिए कि या तो वे बाजार से कच्ची हल्दी खरीद कर उसे धूप या ओवन में अच्छे से सुखाकर रख लें व पिसवा कर प्रयोग करें। अन्यथा बाजार में खेतों से आने वाली मटमैले रंग की हल्दी को खरीद कर पिसवा कर प्रयोग करें। विश्वसनीय दुकानों व प्रतिष्ठित ब्रांडों की हल्दी भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
दो जहरीले तत्वों से बने लेड क्रोमेट की अधिक मात्रा जानलेवा
लेड क्रोमेट, दो जहरीले व भारी रासायनिक तत्वों लेड व क्रोमियम-6 जैसे जहरीले तत्वों से औद्योगिक इस्तेमाल को बनाया गया खतरनाक यौगिक है।
चमकदार पीले रंग के इस यौगिक का इस्तेमाल पेंट, डाई व प्लास्टिक के औद्योगिक निर्माण में किया जाता है। आमजन में चमकीली पीली हल्दी को चाहत देखते हुए व्यापारी इससे हल्दी को रंगने लगे।
लेड व प्राकृतिक रूप में मिलने वाले क्रोमियम-6 को मिलाकर बने लेड क्रोमेट की विषाक्तता इतनी बढ़ जाती है कि यह एक साथ विभिन्न अंगों पर हमलाकर गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करती है।
यह इतना खतरनाक है कि सरकार ने पेंट-रंग उद्योग में इसका इस्तेमाल सीमित करने के साथ काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा के मास्क व अन्य पुख्ता इंतजाम के साथ नियमित स्वास्थ्य परीक्षण का निर्देश दिया हुआ है। पर्यावरण खासकर जल व मिट्टी में इसकी अधिकता को रोकने के लिए भी कार्य किया जा रहा है।
लेड क्रोमेट के स्वास्थ्य पर होते घातक दुष्प्रभाव :
- लेड क्रोमेट के कारण न्यूरोलाजिकल समस्याएं जैसे सिरदर्द, चक्कर, ध्यान की कमी व याददाश्त कमजोर हो सकती है।
- इसका क्रोमियम-6 पेट एवं फेफड़ों के कैंसर की आशंका को बढ़ा देता है।
- लेड क्रोमेट की शरीर में अधिकता से लिवर, किडनी को गंभीर नुकसान होता है।
- तंत्रिका तंत्र, मस्तिष्क से लेकर महिला-पुरुष की प्रजनन क्षमता तक को कम कर देता है।
- गर्भस्थ शिशु को कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो जाती हैं।
- बच्चों को शारीरिक व मानसिक विकास बाधित करने के साथ उनमें व्यवहार संबंधी समस्याएं उत्पन्न करता है।
हल्दी में लेड क्रोमेट की मिलावट स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है। आमजन को यदि हल्दी रंगी होने की आशंका हो तो शिकायत कर विभाग का सहयोग करें। पुष्टि होने पर 10 वर्ष तक की जेल एवं पांच लाख तक के जुर्माने का प्रविधान है। बेहतर होगा एफएसएसएआइ प्रमाणित ब्रांडों की पिसी हल्दी खरीदें या उससे भी बेहतर है, खेत से आने वाली बिना रंगी हल्दी खरीद कर रात भर पानी में फुला व सुखा कर प्रयोग करें। अजय कुमार खाद्य संरक्षा पदाधिकारी पटना व भोजपुर
लेड तत्व का दुष्प्रभाव
बैटरी निर्माण, एक्स-रे व गामा किरणों से बचाव के लिए दरवाजे व शीट, पाइप-छत निर्माण, गोलियों में वजन के लिए व रंग-पेंट निर्माण में लेड का प्रयोग होता है। यह इतना जहरीला होता है कि अब सरकार ने रंग-पेंट निर्माण में इसका इस्तेमाल सीमित कर दिया है। मानव संपर्क में आने पर इससे बच्चों का मानसिक-शारीरिक विकास बाधित होता है तो अधिक मात्रा सेवन से पेट दर्द, कमजोरी व थकान हो सकती है।
क्रोमियम-6 स्वास्थ्य के लिए खतरनाक
क्रोमियम एक जंगरोधी रासायनिक तत्व है जो वातावरण में आक्सीजन से क्रिया कर अपने छठे स्तर पर पाया जाता है। क्रोमियत-3 हमारे शरीर में ग्लूकोज, प्रोटीन व वसा पाचन में सहायक होता है। वहीं क्रोमियम-6 लोहे में मिलाकर स्टील बनाने, क्रोम प्लेटिंग उपकरणों को चमकदार बनाने के लिए, चमकीला हरा व पीला रंग बनाने, उच्च तापमान सहने वाले उत्पाद बनाने के काम आता है।
क्रोमियम-6 अत्यधिक विषाक्त व कैंसरजन्य होने के साथ त्वचा, श्वसन तंत्र, प्रजनन तंत्र व यकृत के लिए नुकसानदायक होता है। लंबे समय तक संपर्क से रहने से त्वचा में जलन, फेफड़ों व पाचन तंत्र के कैंसर जैसे गंभीर रोग हो सकते हैं। यह भी जल व मिट्टी को विषाक्त बनाता है।
हल्दी में लेड क्रोमेट तो नहीं,ऐसे करें पहचान
- असली हल्दी का रंग हल्का पीला या नारंगी होता है। लेड क्रोमेट मिलाई हल्दी गहरे व चमकीले पीले रंग की।
- हल्दी की बाहरी सतह अक्सर हल्की मटमैली या भूरे रंग की होती है, क्योंकि सुखाने के बाद इसका बाहरी भाग हल्का भूरा हो जाता है।
- हल्दी को काटने या तोड़ने पर इसका अंदरूनी भाग गहरा पीला या नारंगी दिखाई देता है। यह इसका असली और प्राकृतिक रंग है।
- ताजा खेत की हल्दी में मिट्टी व हल्दी की प्राकृतिक गंध होती है, जो इसे विशिष्ट बनाती है। रंग सुखाने व पीसने के बाद समान रहता है।
- लेड क्रोमेट मिली हल्दी पानी में घोलने पर तेजी से गाढ़ा पीला रंग छोड़ेगी व तली में चमकदार कण दिखेंगे। शुद्ध हल्दी धीरे-धीरे तली पर बैठेगी और पानी का रंग एकसमान रहेगा।
- शुद्ध हल्दी का स्वाद थोड़ा कड़वा व तीखा व सुगंध प्राकृतिक मिट्टी जैसी गंध होती है जबकि मिलावटी की हल्की स्वादहीन या कृत्रिम सुगंधयुक्त हो सकती है।
- अलीपी हल्दी हल्के पीले रंग,सलेम हल्दी गहरे नारंगी रंग, लकडों हल्दी पीले से नारंगी रंग का होता है।
- एक टुकड़ा खड़ी हल्दी पानी में डालें, धीरे-धीरे रंग छोड़े पर पूरी तरह से नहीं घुले तो असली, लेड क्रोमेट होगा तो तुरंत गाढ़ा एवं चमकीला रंग हो जाएगा।
- खड़ी हल्दी को नुकीली चीज से खुरचने पर अंदर उसी रंग की होगी जबकि लेड क्रोमेट वाली का रंग अंदर दूसरा होगा।
- शुद्ध हल्दी का टुकड़ा थोड़ा भारी व ठोस महसूस होता है जबकि मिलावटी का हल्का या असामान्य रूप से चमकदार होता है।
- हल्दी के टुकड़े को चूने के पानी में डालें, शुद्ध हल्दी का रंग लाल-भूरा हो जाएगा जबकि रंग नहीं बदले तो मिलावटी हो सकती है।
मारूफगंज थोक मंडी में हल्दी का मूल्य :::
- हीरोट हल्दी
-- -- -165 रुपये प्रति किलो - सेलम हल्दी
-- -- -- 153 रुपये प्रति किलो - मिनी सेलम हल्दी-152 रुपये प्रति किलो
- बाम्बो बोल्ड हल्दी- 153 रुपये प्रति किलो
गठ्ठा हल्दी- 143 रुपये प्रति किलो
टूटा दाना हल्दी- 136 रुपये प्रति किलो
कच्चा हल्दी- 60 रुपये प्रति किलो

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।