Bihar News: बिहार में अनुदान की राह देख रहे 220 डिग्री कॉलेज, 25 हजार शिक्षक-कर्मचारी प्रभावित
पटना के 220 संबद्ध डिग्री कॉलेजों को आठ शैक्षणिक सत्रों का अनुदान सरकार के पास बकाया है। शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों से जांच रिपोर्ट मांगी है लेकिन अनुदान राशि न मिलने से 25 हजार शिक्षक व कर्मचारी प्रभावित हैं जिन्हें वेतन नहीं मिल पाया है। सरकार परीक्षाफल के आधार पर अनुदान देती है जिसमें कॉलेज की आय का 70% शामिल होता है।

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के 220 संबद्ध डिग्री कॉलेजों का आठ स्नातक शैक्षिक सत्रों का परीक्षाफल आधारित अनुदान सरकार के पास बकाया है। शिक्षा विभाग ने संबंधित विश्वविद्यालयों को कॉलेजों के अनुदान दावे की जांच रिपोर्ट देने को कहा है।
वहीं, अनुदान राशि नहीं मिलने से शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को संबंधित आठ स्नातक शैक्षिक सत्रों का भुगतान भी नहीं हो पाया है। इससे शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों की आर्थिक हालत बिगड़ गई है।
संबद्ध डिग्री कॉलेजों में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों की संख्या तकरीबन 25 हजार है। इन कॉलेजों को स्नातक परीक्षाफल के आधार पर राज्य सरकार अनुदान राशि देती है।
इस अनुदान राशि में कॉलेजों को आंतरिक स्त्रोत से प्राप्त आय का 70 प्रतिशत हिस्सा मिलाकर शिक्षक एवं कर्मचारियों को तय नीति के तहत वेतन का भुगतान किए जाने का प्रविधान है।
उच्च शिक्षा निदेशालय के एक अधिकारी ने बताया कि अधिकांश संबद्ध कॉलेजों ने शिक्षकों और कर्मचारियों के बारे में जानकारी वेबसाइट पर अपलोड नहीं की है। वहीं, परीक्षाफल के आधार पर जिन कॉलेजों ने अनुदान के लिए आवेदन किया है, उसका सत्यापन संबंधित विश्वविद्यालयों से कराया जाना अनिवार्य है।
प्रविधान के मुताबिक परीक्षा में प्रथम श्रेणी से छात्र के उत्तीर्ण होने पर 8500 रुपये एवं छात्रा के उत्तीर्ण होने पर 8700 रुपये, द्वितीय श्रेणी से छात्र के उत्तीर्ण होने पर 8000 रुपये और छात्रा के उत्तीर्ण होने पर 8200 रुपये, तृतीय श्रेणी से छात्र के उत्तीर्ण होने पर 7500 रुपये एवं छात्रा के सफल होने पर 7700 रुपये अनुदान दिया जाता है।
इतना ही नहीं, गत वर्ष से अनुदान की राशि जमा करने की व्यवस्था भी बदल गई है। सरकार द्वारा दी जाने वाली अनुदान की राशि संबद्ध महाविद्यालयों का अनुदान नामक अलग खाते में रखी जाएगी।
इस राशि के लिए अलग से रोकड़ बही का संधारण होगा। अनुदान राशि का उपयोग केवल शिक्षक-शिक्षकेतरकर्मियों के वेतन भुगतान के लिए किया जाएगा।
अनुदान राशि मिलने के एक माह के अंदर उपयोगिता प्रमाण पत्र देने होंगे। उसके बाद ही आगे की राशि विमुक्त होने पर विचार होगा।
इसके साथ ही डिग्री कॉलेजों के प्रबंधन द्वारा अनुदानित राशि का अंकेक्षण पंजीकृत अंकेक्षक या चाटर्ड एकाउंटेट से अनिवार्य रूप से कराया जाएगा, जो शिक्षा विभाग को उपयोगिता प्रमाण पत्र के साथ उपलब्ध कराया जाएगा।
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