संवाद सहयोगी, मसौढ़ी। प्राथमिक शिक्षा में सुधार और छात्रों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मध्यान भोजन अधिकारियों की उदासीनता के कारण प्रभावित हो रहा है। इस योजना की वास्तविकता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चावल की कमी के चलते प्रखंड के लगभग दर्जनभर प्राथमिक विद्यालयों में पिछले एक सप्ताह से मध्यान भोजन नहीं मिल पा रहा है।
मध्यान्ह भोजन नहीं मिलने के कारण छात्र दोपहर का भोजन अपने घर जाकर टिफिन में कर रहे हैं। प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय भीमपुरा में पिछले नौ दिनों से चावल की अनुपलब्धता के कारण 69 छात्र-छात्राओं को या तो टिफिन में घर जाकर भोजन करना पड़ रहा है या फिर भूखे रहकर पढ़ाई करनी पड़ रही है।
विद्यालय में पढ़ाई कर रही छात्राएं जैसे जानवी कुमारी, मुन्ना कुमार और किरण कुमारी ने बताया कि उनके विद्यालय में पिछले नौ दिनों से मध्यान भोजन नहीं बन रहा है। इस कारण वे टिफिन में भोजन करने अपने घर जाते हैं और फिर विद्यालय लौटते हैं।
प्रभारी प्रधानाध्यापक संजय कुमार ने बताया कि विद्यालय में चावल खत्म होने की सूचना एमडीएम प्रभारी को दे दी गई है। पिछले शुक्रवार से चावल की कमी के कारण विद्यालय में मध्यान भोजन नहीं बन रहा है। इसके अलावा, 10 अन्य विद्यालयों में भी चावल की आपूर्ति नहीं होने से वहां भी मध्यान भोजन बंद है।
इनमें उत्क्रमित मध्य विद्यालय घोरहुआं, प्राथमिक विद्यालय ढलकोचक, प्राथमिक विद्यालय बैरीचक, प्राथमिक विद्यालय ईसरचक, प्राथमिक विद्यालय बेर्रा बीघा, प्राथमिक विद्यालय घुकन बीघा, प्राथमिक विद्यालय महुआबाग, प्राथमिक विद्यालय तारेगना मुसहरी समेत अन्य विद्यालय शामिल हैं।
एमडीएम प्रभारी संजीव कुमार ने बताया कि जल्द ही उन विद्यालयों में चावल की आपूर्ति हो जाएगी। इस संबंध में जब BEO से संपर्क करने का प्रयास किया गया, तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
उल्लेखनीय है कि शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने, विद्यालयों के छात्रों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और उन्हें विद्यालय में बनाए रखने के उद्देश्य से सरकार ने मध्यान भोजन की व्यवस्था की है, लेकिन इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी उदासीन बने हुए हैं, जिससे नियमित और मीनू के अनुसार मध्यान भोजन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
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