Patna Metro News: पटना मेट्रो की बोगियां असेंबल, ट्रायल रन की तारीख जल्द होगी तय
पटना में मेट्रो परियोजना तेज़ी से आगे बढ़ रही है। पुणे से आई मेट्रो की बोगियों को आईएसबीटी डिपो में जोड़ा गया है। मलाही पकड़ी से आईएसबीटी तक ट्रायल रन होगा जिसका लक्ष्य 31 जुलाई तक पूरा करना है। 15 अगस्त 2025 तक कॉरिडोर के उद्घाटन की योजना है। दो कॉरिडोरों वाली इस परियोजना में 24 स्टेशन होंगे और अब तक 85% काम पूरा हो चुका है।

जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी पटना में मेट्रो परियोजना ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पुणे से लाई गई पटना मेट्रो की बोगियों को न्यू आईएसबीटी डिपो में मंगलवार को सफलतापूर्वक असेंबल कर लिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, अगले एक-दो दिनों में ट्रायल रन की तारीख तय कर ली जाएगी।
यह ट्रायल रन मलाही पकड़ी से न्यू आईएसबीटी तक 6.5 किलोमीटर लंबे प्रायोरिटी कॉरिडोर पर होगा। 31 जुलाई तक मेट्रो का दो से तीन बार ट्रायल होगा। इस कारिडोर पर पांच एलिवेटेड स्टेशन तैयार किए जा रहे हैं।
बता दें कि 15 अगस्त 2025 को इस कॉरिडोर का उद्घाटन प्रस्तावित है। ट्रायल रन के लिए सिग्नल, इलेक्ट्रिकल और टेलीकॉम सिस्टम का कार्य तेजी से चल रहा है। पटनावासियों को जल्द ही आधुनिक मेट्रो सेवा का लाभ मिलेगा।
पटना मेट्रो रेल परियोजना दो प्रमुख कॉरिडोरों पूर्व-पश्चिम (लाइन-1) और उत्तर-दक्षिण (लाइन-2) के साथ 30.91 किलोमीटर लंबी है, जिसमें 24 स्टेशन शामिल हैं। इसका निर्माण पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएमआरसीएल) द्वारा किया जा रहा है, जिसमें दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) सामान्य सलाहकार के रूप में सहयोग कर रहा है। परियोजना की आधारशिला 17 फरवरी 2019 को रखी गई थी।
अब तक प्रायोरिटी कॉरिडोर (मलाही पकड़ी से न्यू आईएसबीटी तक 6.1 किमी) में लगभग 85 प्रतिशत से अधिक कार्य पूर्ण हो चुका है। इस खंड में पांच उन्नत स्टेशन मलाही पकड़ी, खेमनीचक, भूतनाथ, जीरो माइल और पाटलिपुत्र बस टर्मिनल शामिल हैं।
कॉरिडोर-2 के भूमिगत खंड में 1.7 किमी लंबी सुरंग (गांधी मैदान से पटना जंक्शन) और 1.48 किमी लंबी सुरंग (मोइन उल हक स्टेडियम से पटना विश्वविद्यालय स्टेशन) का निर्माण पूरा हो चुका है।
कॉरिडोर-1 के लिए 7.01 किमी उन्नत और 10.17 किमी भूमिगत खंड का निर्माण कार्य भी जोरों पर है। परियोजना की कुल लागत 13,365.77 करोड़ रुपये है, जिसमें 60% जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) से ऋण, 20% बिहार सरकार और 20% केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। मेट्रो डिपो का निर्माण बैरिया चक में 30.5 हेक्टेयर में हो रहा है।
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