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    छह लाख रुपए के चक्‍कर में बुरी फंस गई पटना की मीनू, अब लगा रही थाने का चक्‍कर; आप भी हो जाएं सावधान

    By Shubh Narayan PathakEdited By:
    Updated: Sun, 28 Nov 2021 01:36 PM (IST)

    पटना की मीनू छह लाख रुपयों के चक्‍कर में बुरी फंस गई। अब वह थाने का चक्‍कर लगा रही है। फोन पर लुभावना आफर आपको भी मुश्किल में डाल सकता है। आप भी जान लीजिए ये पूरा मामला

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    पटना की युवती हुई साइबर ठगी का शिकार। फाइल फोटो

    मसौढ़ी (पटना), संवाद सहयोगी। अगर आपको कोई फोन कर लाटरी की बात कहे, लोन दिलाने की बात कहे, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या बैंक खाते की बात करे तो सावधान हो जाएं। ऐसे ज्‍यादातर फोन काल ठगों की ओर से की जाती हैं। जरा सी लापरवाही बरतने पर आपका हाल पुनपुन थाना के पैमार गांव की युवती के जैसा हो सकता है। युवती को साइबर जालसाजों ने पर्सनल लोन पांच मिनट में देने का झांसा देकर 50 हजार रुपये ठग लिए। जालसाजों ने महिला को छह लाख का लोन स्वीकृत होने का हवाला दे प्रोसेसिंग फीस व बीमा की राशि के रूप में 50 हजार रुपये महाराष्ट्र स्थित एक एसबीआइ खाता में तीन किश्तों में शैलेंद्र राठौर नामक व्यक्ति के खाते में जमा करा लिया। इसके बाद लोन की राशि उसके खाते में भेजे जाने के नाम पर जालसाज उससे अंतरराज्यीय हस्तांतरण फीस की रकम की मांग करने लगा।

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    छह लाख रुपए के पर्सनल लोन के लिए किया था संपर्क

    लगातार रुपये मांगे जाने के बाद युवती को शक हुआ। वह शनिवार को पुनपुन थाना पहुंची और इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराई। थानाध्यक्ष कुंदन कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है। बताया जाता है कि पैमार निवासी युवती के मोबाइल पर आए मैसेज को देख कर छह लाख का पर्सनल लोन लेने के लिए उससे संपर्क साधी थी। उसके बाद उक्त जालसाज ने युवती को विश्वास में लेकर छह लाख का लोन स्वीकृत होने का कागज उसके मोबाइल पर भेज दिया था।

    बाढ़ में बदमाशों ने युवक को पीटा

    इधर, बाढ़ के अगवानपुर पंचायत के रहने वाले राजीव रंजन को घर जाने के क्रम में कुछ बदमाशों ने चुनावी रंजिश को लेकर बुरी तरह पिटाई कर दी, जिससे वह घायल हो गया। बताया जाता है कि राजीव रंजन खुसरूपुर में एक निजी विद्यालय में शिक्षक है। जब वह खुसरूपुर से पढ़ा कर लौट रहा था, तो बाढ़ पहुंचने के बाद अगवानपुर जाने के क्रम में कुछ बदमाशों के द्वारा उसकी पिटाई कर दी गयी। विदित हो कि पंचायत चुनाव में वह किसी मुखिया प्रत्याशी के तरफ से पोलिंग एजेंट भी बना था। अंदेशा लगाया जाता है कि शायद इसी बात को लेकर कुछ लोगों की उससे नाराजगी थी।