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24 से ज्यादा मुख्य न्यायाधीश, 160 से अधिक न्यायमूर्ति देने वाले लॉ कॉलेज को NAAC से B ग्रेड Patna News

पटना लॉ कॉलेज को नैक एक्रिडेशन में बी ग्रेड मिला है। कॉलेज ने कुल चार में से 2.09 अंक प्राप्त किए हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 11:20 AM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 11:20 AM (IST)
24 से ज्यादा मुख्य न्यायाधीश, 160 से अधिक न्यायमूर्ति देने वाले लॉ कॉलेज को NAAC से B ग्रेड Patna News
24 से ज्यादा मुख्य न्यायाधीश, 160 से अधिक न्यायमूर्ति देने वाले लॉ कॉलेज को NAAC से B ग्रेड Patna News

पटना, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट व विभिन्न हाईकोर्ट को दो दर्जन से अधिक मुख्य न्यायाधीश व 160 से अधिक न्यायमूर्ति देने वाले पटना लॉ कॉलेज को नैक एक्रिडेशन में 'बी' ग्रेड मिला है। कॉलेज ने कुल चार में से 2.09 अंक प्राप्त किए हैं। प्राचार्य प्रो. मोहम्मद शरीफ ने बताया कि इससे और बेहतर ग्रेड की उम्मीद थी। कहां कमी रह गई है, इसका आकलन कर उसे दुरुस्त कर आगे बेहतर रैंक के लिए प्रयास किया जाएगा।

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पूरी प्रक्रिया में छात्रों और शिक्षकों का सहयोग काफी प्रेरणादायक रही है। रिपोर्ट की कॉपी का आकलन किया जा रहा है। नैक एक्रिडेशन के अभाव में कॉलेज को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) तथा अन्य एजेंसियों के अनुदान से वंचित होना पड़ रहा था। 20 व 21 सितंबर को नैक पीयर टीम ने कॉलेज का निरीक्षण किया था।

सबसे अधिक ढांचागत सुविधा में मिले अंक

राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) ने कॉलेज को सात मानकों में से किसी में भी 'ए' ग्रेड नहीं दिया है। सभी मानक के लिए चार सीजीपीए निर्धारित हैं। तीन से अधिक अंक प्राप्त करने पर 'ए' ग्रेड दिया जाता है। सबसे अधिक चार में 2.71 अंक ढांचागत सुविधा में दिए गए हैं। करिकुलर एस्पेक्ट्स में दो अंक, टीचिंग-लर्निंग एंड इवैलुएशन में 2.46, रिसर्च, इनोवेशन व विस्तार में 2.29, ढांचागत सुविधा व शिक्षण संसाधन में 2.71, स्टूडेंट सपोर्ट एंड प्रोगे्रस में 0.94, गवर्नेंस, लीडरशिप एंड मैनेजमेंट में 1.55 तथा इंस्टीट्यूशन वैल्यू एंड बेस्ट प्रैक्टिसेज में 1.75 प्वाइंट मिले हैं।

कई बिंदुओं पर खतरे की घंटी

नैक टीम ने कई बिंदुओं पर तत्काल सुधार की जरूरत बताई है। शिक्षकों की कमी और पर्याप्त कक्षा के अभाव में छात्रों की पढ़ाई और उपस्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। छात्रों के चातुर्दिक विकास के लिए जरूरी कदम उठाने के सुझाव दिए गए हैं। एलुमिनाई की भागीदारी में टीम ने 50 फीसद अंक दिए हैं। नामचीन एलुमिनाई होने के बावजूद कॉलेज में पर्याप्त सुविधा नहीं होना हैरानीपूर्ण बताया गया है। जबकि कॉलेज की गतिविधियों में छात्रों की भागीदारी भी संतोषजनक नहीं बताई गई है।

1909 में कॉलेज की हुई थी स्थापना

पटना लॉ कॉलेज की स्थापना 1909 में की गई थी। टीम ने सबसे ज्यादा हैरानी शिक्षकों की कमी पर जताई है। कॉलेज में सात स्थायी फैकल्टी व 11 कर्मचारी कार्यरत हैं। कुल 777 छात्रों का नामांकन है। लेकिन, इनकी उपस्थिति काफी असंतोषजनक है।

सीजीपीए        नैक ग्रेड

3.76 से 4.00   ए प्लस प्लस

3.51 से 3.75    ए प्लस

3.01 से 3.50    ए

2.76 से 3.00    बी प्लस प्लस 

2.51 से 2.75    बी प्लस

2.01 से 2.50    बी

1.51 से 2.00    सी

1.50 के बराबर या कम पर ग्रेड डी

रिपोर्ट में सकारात्मक पक्ष

- 1800 रुपये में छात्र-छात्राओं का नामांकन होना

- एससी-एसीटी व छात्राओं से किसी तरह का शुल्क नहीं लेना

- छात्रों के लिए ऑडिटोरियम, लाइब्रेरी, कांफ्रेंस हॉल तथा लाइब्रेरी की उपलब्धता

-1909 में स्थापित तथा प्राइम लोकेशन पर स्थित होना

कमजोर पक्ष

- शिक्षकों की कमी तथा लचर प्रशासनिक व प्रबंधन व्यवस्था

- क्लासरूम की कमी, देश व विदेश के संस्थानों से जुड़ाव का अभाव

- छात्राओं के लिए स्वतंत्र हॉस्टल व परिवहन व्यवस्था का अभाव 

- छात्रों के हॉस्टल जर्जर स्थिति में, मरम्मत की सख्त दरकार

कॉलेज के लिए चुनौती

-बड़ी संख्या में ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्र हैं, इन पर विशेष ध्यान की जरूरत

- कक्षा में छात्रों की उपस्थिति काफी असंतोषजनक और इसे जल्द दुरुस्त करने की दरकार

- छात्रों के लिए पर्याप्त क्लास रूम का अभाव, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में बाधा

- पर्याप्त संख्या में शिक्षक व कर्मचारियों की कमी को तत्काल दूर करना अनिवार्य 


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