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    ऑक्सीजन के लिए आत्मनिर्भर हो रहे पटना के अस्पताल, कोविड के बाद लगा हर अस्पताल में अपना प्लांट

    Updated: Thu, 27 Nov 2025 11:00 PM (IST)

    पटना के अस्पताल ऑक्सीजन के लिए आत्मनिर्भर हो रहे हैं। कोविड महामारी के बाद, लगभग हर अस्पताल में अपना ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया गया है। इससे अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए बाहरी स्रोतों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, जिससे मरीजों को समय पर ऑक्सीजन मिल सकेगी। यह आत्मनिर्भरता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।

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    ऑक्सीजन में आत्मनिर्भर हुए राजधानी के बड़े अस्पताल। प्रतीकात्मक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, पटना। कोविड-19 के बाद राजधानी के अस्पतालों को ऑक्सीजन प्लांट से युक्त करने की पहल आरंभ हुई। इसका नतीजा रहा कि राजधानी के बड़े सरकारी अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (पीएमसीएच), इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस), अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के साथ-साथ लोकनायक जय प्रकाश अस्थि सुपरस्पेशिलिटी अस्पताल (एलएनजेपी) भी आक्सीजन की उपलब्धता को लेकर आत्मनिर्भर हो चुका है।

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    इसके अतिरिक्त राजधानी के प्रमुख निजी अस्पतालों में भी ऑक्सीजन प्लांट लग गए है। अब केवल आपातकालीन स्थिति को लेकर इन अस्पतालों में 24-48 घंटे के उपयोग के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर को सुरक्षित रखे जाते है, ताकि कभी भी प्लांट में गड़बड़ी आने पर अस्पताल की ऑक्सीजन व्यवस्था निर्बाध रूप से कार्यरत रहे। एम्स में भी एक प्लांट लगाया गया है। इससे वहां भी आक्सीजन की पूरी तरह आत्मनिर्भता हो चुकी है।

    आइजीआइएमएस में तीन-तीन प्लांट

    इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) में राजधानी का पहला मेडिकल कालेज है, जहां संस्थान की ओर से अपना आक्सीजन जनरेशन प्लांट (पीएसए) लगाया गया है। यहां संस्थान की ओर से तत्कालीन निदेशक डॉ. एनआर विश्वास के पहल पर एयरवाटर के माध्यम से पीएसए स्थापित किया गया।

    इसके अतिरिक्त दो पीएसए राज्य सरकार की ओर से बीएमएससीआइएल की ओर से लिंडे कंपनी के माध्यम से लगवाया गया। तीनों पीएसए की कुल क्षमता 2,233 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन उत्पन्न करने की है, साथ ही एक बड़ा क्रायोजेनिक लिक्विड मेडिकल आक्सीजन टैंक भी है, जिससे यह संस्थान पूरी तरह आत्मनिर्भर हो गया है।

    संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल एवं बायोमेडिकल इंजीनियर शैलेंद्र कुमार ने बताया कि संस्थान में तीन पीएसए कार्य कर रहा है। 1250 बेड का जो विशेष अस्पताल तैयार हो रहा है, उसके लिए अतिरिक्त पीएसए लगाया जाएगा। संस्थान में आपातकालीन स्थिति के लिए 400-450 ऑक्सीजन सिलिंडर सुरक्षित भी रखे जाते है।

    पीएमसीएच व एनएमसीएच में एक-एक पीएसए

    पटना मेडिकल कालेज और अस्पताल (पीएमसीएच) एवं नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल (एनएमसीएच) परिसर में एक-एक पीएसए लगे है। यह अस्पताल के आइसीयू और आपातकालीन सेवाओं के लिए आक्सीजन की जरूरत को पूरा करता है।

    दोनों अस्पतालों में अमूमन हर दिन दो हजार से तीन हजार ओपीडी मरीज पहुंचते है, जबकि औसतन एक हजार से अधिक मरीज भर्ती रहते है। यहां आपातकालीन स्थिति के लिए 700-800 सिलिंडर सुरक्षित रखे जाते है। पीएमसीएच का पीएसए 20 केएल क्षमता का है।

    एलएनजेपी में यूनिसेफ की मदद से लगाया गया है पीएसए

    लोकनायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल में 1200 लीटर प्रति मिनट क्षमता का आक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाया गया, इससे अस्पताल ऑक्सीजन को लेकर पूरी तरह आत्मनिर्भता हो चुका है। संस्थान के निदेशक डॉ. सरसिज नयनम ने बताया कि पहले यह ट्रायल मोड में चल रहा था, अब यह पूरी तरह कार्यरत हो गया है।

    इन्हें मिलेगा सीधे लाभ

    • आइसीयू और इमरजेंसी मरीजों को तुरंत और लगातार आक्सीजन
    • नवजात शिशुओं के लिए एनआइसीयू में सुरक्षित वातावरण
    • आपरेशन थिएटर में लगातार और नियंत्रित आक्सीजन आपूर्ति
    • गंभीर रोगियों के इलाज में दौड़-भाग और देरी खत्म
    • सिलिंडर लाने-भरने की झंझट से मुक्ति