Patna News: डीएम के निर्देश पर 31 अस्पतालों का औचक निरीक्षण, 12 से अधिक डॉक्टर-कर्मी मिले गायब
पटना में डीएम के निर्देश पर 31 अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान 12 से अधिक डॉक्टर और कर्मी गायब पाए गए। इस घटना से स्वास्थ्य सेवा ...और पढ़ें
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जागरण संवाददाता, पटना। सरकारी अस्पतालों में मरीजों को उत्कृष्ट उपचार मिले, सरकार इसके लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। वहीं, डॉक्टर व चिकित्साकर्मियों की लापरवाही व ड्यूटी से गायब रहने की प्रवृत्ति इसमें सेंधमारी कर रही है।
सोमवार को डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम के निर्देश पर जिला से लेकर सभी 23 प्रखंडों के 31 अस्पतालों के औचक निरीक्षण में इसकी पोल खुली। बाढ़ में सात, दुल्हिनबाजार में डाक्टर समेत दो, घोसवारी सीएचसी में चार, पंडारक में फार्मासिस्ट व चार अन्य, समेत कई डाक्टर, चिकित्साकर्मी व लिपिक गायब थे।
डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने कहा कि औचक निरीक्षण में रोस्टर के अनुसार अनुपस्थित मिले सभी डाक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों का वेतन अगले आदेश तक रोकते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। आमजन को स्वास्थ्य सुविधा देना सर्वोच्च प्राथमिकता है। निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर आगे सख्त सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी।
डीएम ने दो दिन पूर्व स्वास्थ्य समेत सभी योजनाओं व लोकहित के कार्यक्रमों की जिलास्तरीय टीम से औचक निरीक्षण कराने की बात कही थी। सोमवार को पहले आंगनबाड़ी से टेकहोम राशन वितरण का निरीक्षण कराया गया तो दूसरी ओर देरशाम तक 23 प्राथमिक-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, चार अनुमंडल अस्पताल, तीन रेफरल अस्पताल और एक सदर अस्पताल सहित कुल 31 अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर स्वास्थ्य व्यवस्था की हकीकत उजागर कर दी।
कई स्वाथ्य प्रबंधक व अकाउंटेंट तो निरीक्षण के वक्त मुख्यालय तक से बाहर मिले। बाढ़ अनुमंडल में सात डाक्टर व कर्मी अनुपस्थित मिले। निरीक्षण टीम ने अस्पतालों में मौजूद मरीजों और उनके स्वजन से बात कर उनकी शिकायतें भी जानीं।
पंडारक में बेड पर चादर नहीं व फार्मासिस्ट गायब मिले, मोकामा में अल्ट्रसाउंड बंद था, खुशरूपुर में सभी जांच बंद थीं। मसौढ़ी में खिड़की व शीशे की मरम्मत नहीं हुई थी। पालीगंज में लोगों ने मिलने वाले भोजन की शिकायत की। दनियावां में एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड बंद था।
बाढ़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जगह की कमी से सिर्फ ओपीडी चलती है और शाम पांच बजे से अस्पताल बंद हो जाता है। निरीक्षण के दौरान बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) व एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एंबुलेंस में उपलब्ध सुविधाओं की भी जांच की गई। कई स्थानों पर उपकरणों की कमी पाई गई।
सिविल सर्जन ने निरीक्षण किया तो सब मिले मुस्तैद
जिला प्रशासन द्वारा जांच के बाद मंगलवार को सिविल सर्जन डा. अविनाश कुमार सिंह ने नौबतपुर के अजवा एपीएचसी और बिक्रम के दियाना में निर्माणाधीन नए अस्पताल भवन का निरीक्षण किया।
हालांकि, निरीक्षण की पूर्व सूचना मिलने के कारण सभी डाक्टर और कर्मचारी मौके पर मौजूद मिले। निरीक्षण के दौरान स्थानीय लोगों और कर्मियों ने डाक्टरों की कमी दूर करने की मांग रखी।
पांच प्रतिशत वेतन वृद्धि के बाद भी नहीं बदली आदत
सरकार ने स्वास्थ्य प्रबंधकों, अकाउंटेंट और अन्य कर्मचारियों के मानदेय में पांच प्रतिशत की वृद्धि इस शर्त पर की थी कि वे मुख्यालय में रहेंगे। कर्मचारियों ने इस पर सहमति भी दी थी, लेकिन जिला प्रशासन की जांच में सामने आया कि निरीक्षण के समय अधिकांश कर्मचारी मुख्यालय से बाहर थे।

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