Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पटना हाईकोर्ट ने जजों के निजी वाहनों पर 'जज' बोर्ड लगाने पर दिखाई सख्ती, सरकार से मांगा जवाब

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 08:34 AM (IST)

    पटना हाईकोर्ट ने निजी वाहनों पर पदनाम लिखने के मामले में सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। यह आदेश एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया जिसमें कहा गया था कि न्यायिक अधिकारी पदनाम का इस्तेमाल कर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हैं। हाईकोर्ट ने बीएसईबी को रेबेका बर्धन के रिकॉर्ड में सुधार करने का भी आदेश दिया है।

    Hero Image
    निजी गाड़ियों पर ‘जज’ पदनाम का बोर्ड लगाने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

    विधि संवाददाता, पटना। राज्य की निचली अदालतों के न्यायिक पदाधिकारियों द्वारा निजी वाहनों पर जज, न्यायाधीश, सब-जज, एडीजे जैसे बोर्ड/नेम प्लेट लगाने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है।

    मुख्य न्यायाधीश पी.बी.बजंतरी और न्यायाधीश आलोक कुमार सिन्हा की खंडपीठ ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। यह आदेश कानून के छात्र केशव कुमार झा की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रफुल्ल कुमार झा ने अदालत को बताया कि 2019 में हाईकोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि किसी भी न्यायिक अधिकारी को अपनी निजी गाड़ी पर जज या अन्य किसी पदनाम वाला बोर्ड लगाने की अनुमति नहीं है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में न्यायिक पदाधिकारी इस आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

    न्यायिक अधिकारी करते हैं ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन

    याचिका में कहा गया है कि ऐसे बोर्ड का इस्तेमाल कर कई न्यायिक अधिकारी खुलेआम ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हैं और पुलिस अधिकारी भी उनके खिलाफ कार्रवाई करने से बचते हैं। इससे न केवल कानून का मज़ाक बनता है, बल्कि न्यायपालिका की गरिमा भी प्रभावित होती है।

    इस मामले में याचिकाकर्ता ने राज्य के विधि सचिव, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल, रजिस्ट्रार (प्रशासन), बिहार ज्यूडिशियल अकादमी के निदेशक, बिहार स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी के अध्यक्ष, परिवहन विभाग के अपर मुख्य सचिव और राज्य परिवहन आयुक्त सहित कई अधिकारियों को प्रतिवादी बनाया है।

    बीएसईबी को अपने रिकॉर्ड सुधारने का दिया आदेश

    पटना हाईकोर्ट ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) को आदेश दिया है कि वह आवेदिका रेबेका बर्धन की इंटरमीडिएट परीक्षा (2001) से संबंधित आंतरिक रिकार्ड में सुधार करे और सही अंक विवरण दिल्ली मेडिकल काउंसिल को तीन माह के भीतर उपलब्ध कराए।

    न्यायाधीश पार्थ सारथी की एकलपीठ ने यह आदेश सुनाते हुए कहा कि बोर्ड ने कभी भी रेबेका के प्रमाणपत्रों की प्रामाणिकता पर सवाल नहीं उठाया। रेबेका ने 2001 में प्रथम श्रेणी से इंटर की परीक्षा पास की थी, जिसके आधार पर उन्होंने रूस से मेडिकल की पढ़ाई पूरी की और भारत लौटने पर विदेशी मेडिकल स्नातकों की परीक्षा पास कर अस्पतालों में इंटर्नशिप भी पूरी की।