Patna News: पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, बिहार के कॉलेजों में लॉटरी से नहीं होगी प्राचार्यों की नियुक्ति
पटना उच्च न्यायालय ने बिहार के महाविद्यालयों में प्रधानाचार्य की नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। राज्यपाल सचिवालय द्वारा 16 मई 2025 को जारी अधिसूचना जिसमें लॉटरी प्रणाली से नियुक्ति की बात थी को अदालत ने प्रथम दृष्टया उचित नहीं माना। न्यायमूर्ति राजेश कुमार वर्मा की एकलपीठ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित सुनवाई की और अगले आदेश तक अधिसूचना पर रोक लगा दी।

विधि संवाददाता, पटना। बिहार के महाविद्यालयों में प्रधानाचार्य की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर राज्यपाल सचिवालय द्वारा जारी अधिसूचना पर पटना हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। यह अधिसूचना 16 मई, 2025 को जारी की गई थी, जिसमें कहा गया था कि राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के अंतर्गत आने वाले महाविद्यालयों में प्रधानाचार्य की पदस्थापना लॉटरी प्रणाली के माध्यम से की जाएगी।
इस अधिसूचना के खिलाफ सुहेली मेहता एवं अन्य द्वारा अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद के माध्यम से याचिका दायर की गई। कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद मामला अदालत में पेश हुआ, जिसे न्यायमूर्ति राजेश कुमार वर्मा की एकलपीठ ने गंभीरता से लेते हुए त्वरित सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
कोर्ट ने अगले आदेश तक लगाई रोक
सुनवाई के दौरान राज्यपाल सचिवालय की ओर से अधिवक्ता भी उपस्थित थे और उन्होंने अपना पक्ष रखा। कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अधिसूचना को उचित नहीं मानते हुए अगले आदेश तक उस पर रोक लगा दी।
साथ ही, कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि यदि राज्यपाल चाहें तो उक्त अधिसूचना में आवश्यक संशोधन कर कानूनी प्रक्रिया के तहत नये सिरे से अधिसूचना जारी कर सकते हैं।
डॉ.दिव्या रानी हंसदा को मिला ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के कुलसचिव का अतिरिक्त प्रभार
राजभवन सचिवालय ने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय,दरभंगा के कुलसचिव डॉ.अजय कुमार पंडित को पदमुक्त कर दिया है। उनके स्थान पर इस विश्वविद्यालय में गृह विज्ञान विभाग की अध्यक्ष एवं एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दिव्या रानी हंसदा को कुलसचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
राज्यपाल के प्रधान सचिव ने जारी की अधिसूचना
इस संबंध में मंगलवार को राज्यपाल के प्रधान सचिव राबर्ट एल. चोंग्थू के हस्ताक्षर से अधिसूचना जारी की गई। इसके मुताबिक डॉ. अजय कुमार पंडित के बीमार रहने और लंबे समय से अवकाश पर होने के कारण राज्यपाल एवं कुलाधिपति द्वारा विश्वविद्यालय के शैक्षणिक एवं प्रशासनिक को सुचारू बनाए रखने के हित में उन्हें पदमुक्त करने का निर्णय लिया गया है। वहीं नियमित कुलसचिव की नियुक्ति होने तक डॉ.दिव्या रानी हंसदा अतिरिक्त प्रभार में रहेंगी।
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