रीतलाल यादव की रिहाई याचिका पर पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब
पटना उच्च न्यायालय में राजद विधायक रीतलाल यादव की रिहाई याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने राज्य सरकार से विस्तृत जवाब मांगा है। यादव ने चुनाव प्रचार के लिए अस्थायी रिहाई की मांग की है। उनके वकील ने संवैधानिक अधिकारों का हवाला दिया, जबकि सरकार ने याचिका की वैधता पर सवाल उठाया। अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी।

पटना हाई कोर्ट।
विधि संवाददाता, पटना। दानापुर से राजद विधायक रीतलाल यादव की विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए अस्थायी रिहाई की मांग पर पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) में अहम सुनवाई हुई। न्यायाधीश अरुण कुमार झा की एकलपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह इस मामले में विस्तृत जवाबी हलफनामा दाखिल करे।
रीतलाल यादव फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं, उन्होंने आपराधिक रिट याचिका के माध्यम से चार सप्ताह के लिए जेल से रिहाई की मांग की है ताकि वे अपने निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार-प्रसार कर सकें।
सुनवाई के दौरान उनकी ओर से वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने दलील दी कि यह एक असाधारण परिस्थिति है, जिसमें संवैधानिक अधिकारों के संरक्षण हेतु अदालत को हस्तक्षेप करना चाहिए।
उन्होंने अपने पक्ष में कई अदालती नजीरों का हवाला दिया और तर्क दिया कि अदालत के पास ऐसे मामलों में सीमित अवधि की रिहाई का अधिकार है।
वर्मा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मामले का उदाहरण देते हुए कहा कि रिट याचिका के जरिये भी अस्थायी रिहाई दी जा सकती है।
वहीं, राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पी.के. शाही ने याचिका की वैधता पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि रिहाई की मांग नियमित जमानत प्रक्रिया के तहत की जानी चाहिए, न कि रिट याचिका के माध्यम से।
उन्होंने यह भी बताया कि याचिकाकर्ता ने अपने आपराधिक इतिहास का पूरा ब्यौरा छिपाया है, जिससे याचिका की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगता है।
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह अपने पक्ष में विस्तृत हलफनामा प्रस्तुत करे। मामला अब 30 अक्टूबर को पुनः सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

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