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    Bihar: 37 अधिकारियों के तबादले पर हाई कोर्ट ने नीतीश सरकार से मांगा जवाब, क्या है पूरा मामला?

    By Jagran NewsEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Tue, 08 Jul 2025 07:10 PM (IST)

    पटना हाई कोर्ट ने पर्यावरण विभाग के 37 रेंज अधिकारियों के तबादला आदेश पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता प्रियंका श्यामल के वकील ने कहा कि उनका तबादला 2007 के दिशा-निर्देशों के खिलाफ है क्योंकि उनका तबादला पांच महीने में ही कर दिया गया जबकि यह तीन साल बाद होना चाहिए था। कोर्ट ने सरकार को विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

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    वन विभाग के 37 अधिकारियों के तबादले पर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

    विधि संवाददाता, पटना। पटना हाई कोर्ट ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा 30 जून, 2025 को जारी किए गए 37 रेंज अधिकारियों के स्थानांतरण आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार से विस्तृत जवाब मांगा है। न्यायाधीश अरविंद सिंह चंदेल की एकलपीठ ने यह आदेश रेंज अधिकारी प्रियंका श्यामल द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया।

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    याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता एस.बी.के. मंगलम ने दलील दी कि राज्य सरकार के 2007 के स्थानांतरण संबंधी दिशा-निर्देशों के बावजूद याचिकाकर्ता का मात्र पांच माह में स्थानांतरण कर दिया गया, जबकि सामान्यतः एक अधिकारी का तबादला तीन वर्षों की सेवा के उपरांत होता है।

    उन्होंने बताया कि गया में याचिकाकर्ता की जगह मुजफ्फरपुर से नितीकेश कुमार को पदस्थापित किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि गया के डीएफओ द्वारा 5 जुलाई को याचिकाकर्ता को कार्यालय समय समाप्त होने के बाद, शाम 5:09 बजे विरमित करने का आदेश जारी किया गया, जो प्रक्रिया का उल्लंघन है।

    राज्य की ओर से सरकारी अधिवक्ता प्रशांत प्रताप ने दलील दी कि स्थानांतरण सेवा से जुड़ा मामला है और इसे केवल विधिक प्रावधानों या नियमों के उल्लंघन पर ही चुनौती दी जा सकती है, न कि दिशा-निर्देशों के आधार पर।

    उन्होंने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत ईमेल का समय रिकॉर्ड पर नहीं है, जिससे स्थगन का कोई औचित्य नहीं बनता।

    पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने निर्देश दिया कि यदि नितीकेश कुमार अब तक मुजफ्फरपुर से रिलीव नहीं हुए हैं, तो याचिकाकर्ता के रिलीविंग ऑर्डर पर सशर्त रोक लगाई जाती है। अदालत ने राज्य सरकार को अगली सुनवाई से पूर्व विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।