Patna High Court: पटना हाई कोर्ट के पास पहुंची 3 SDO की रिपोर्ट, कई थानाध्यक्षों को किया तलब
पटना उच्च न्यायालय ने ध्वनि प्रदूषण मामले में सुनवाई करते हुए पटना सिटी एसडीएम की रिपोर्ट की प्रशंसा की और अन्य एसडीएम को भी हेल्पलाइन नंबर जारी करने का आदेश दिया। न्यायालय ने शिकायतकर्ताओं की गोपनीयता बनाए रखने और ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। अगली सुनवाई 17 अक्टूबर 2025 को होगी।

विधि संवाददाता, पटना। पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ दिए अपने आदेशों की समीक्षा करते हुए पटना जिले के एसडीओ की कार्रवाई रिपोर्ट पर सुनवाई की। न्यायाधीश राजीव रॉय की एकलपीठ ने सुरेंद्र कुमार की याचिका पर सुनवाई की।
सरकारी अधिवक्ता प्रशांत प्रताप ने पटना सिटी, दानापुर, मसौढ़ी और बाढ़ के एसडीओ की ओर से रिपोर्ट दाखिल की। इनमें ध्वनि प्रदूषण के विरुद्ध की गई कार्रवाई का ब्योरा दिया गया।
हालांकि, कोर्ट ने आदेशों का पूर्ण अनुपालन न होने पर मसौढ़ी, कदमकुआं और पीरबहोर के थानाध्यक्षों को तलब किया है। साथ ही चार एसडीपीओ को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने पटना सिटी एसडीओ की रिपोर्ट की विशेष प्रशंसा की। कोर्ट को बताया गया कि पटना सिटी में डीजे जब्त किए गए और नियम तोड़ने वालों पर जुर्माना भी लगाया गया। बाढ़ और पटना सिटी के एसडीओ ने शिकायत दर्ज कराने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।
कोर्ट ने अन्य एसडीओ को भी कंट्रोल रूम नंबर उपलब्ध कराने का आदेश दिया। एमिकस क्यूरी अधिवक्ता अजय ने आशंका जताई कि शिकायत करने वालों को डीजे संचालक परेशान कर सकते हैं। इस पर कोर्ट ने निर्देश दिया कि शिकायतकर्ताओं की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।
कोर्ट ने यह भी कहा कि ध्वनि व वायु प्रदूषण बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद नुकसानदेह है, इसलिए प्रशासन को इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे।
कोर्ट ने राज्य को आदेश दिया कि 112 नंबर पर मिलने वाली हर शिकायत को दर्ज किया जाए। साथ ही स्कूलों, कॉलेजों और अस्पतालों को ‘नो हॉर्न जोन’ घोषित करने और जनता को नियमित रूप से जागरूक करने को कहा। मामले की अगली सुनवाई 17 अक्तूबर 2025 को होगी।
पटना हाई कोर्ट के नवनियुक्त जजों का अधिवक्ताओं ने किया स्वागत
दूसरी ओर, पटना हाईकोर्ट में अधिवक्ता कोटे से नियुक्त हुए न्यायाधीशों- जस्टिस आलोक कुमार सिन्हा, जस्टिस सौरेंद्र पांडेय, जस्टिस सोनी श्रीवास्तव और जस्टिस अजीत कुमार के सम्मान में स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम बिहार स्टेट बार काउंसिल भवन के ब्रज किशोर सभागार में अधिवक्ता समन्वय समिति की ओर से किया गया।
समारोह की अध्यक्षता हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता बसंत कुमार चौधरी ने की। इस अवसर पर नवनियुक्त न्यायाधीशों के साथ-साथ बिहार स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष वरीय अधिवक्ता रमाकांत शर्मा और सदस्य योगेश चंद्र वर्मा का भी शॉल और पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया।
समारोह में वक्ताओं ने कहा कि बार और बेंच के बीच सहयोग न्याय व्यवस्था की मजबूती के लिए अनिवार्य है। अधिवक्ताओं की कई समस्याएं हैं, जिनका समाधान न्यायाधीशों के सहयोग से ही संभव है। विशिष्ट अतिथियों ने नवनियुक्त जजों का ध्यान वकालत पेशे की चुनौतियों और अधिवक्ताओं की व्यावहारिक कठिनाइयों की ओर आकृष्ट कराया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए काउंसिल अध्यक्ष रमाकांत शर्मा ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि जिस ब्रज किशोर सभागार में समारोह हो रहा है, उसी ब्रज किशोर प्रसाद के परिवार की एक सदस्य आज हाईकोर्ट में न्यायाधीश के रूप में मौजूद हैं। यह पूरे अधिवक्ता समाज के लिए गौरव का क्षण है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।