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    Patna High Court: अमेरिकी नागरिक को पटना हाई कोर्ट से जमानत, अवैध रूप से रहने का था आरोप

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 05:30 PM (IST)

    पटना हाई कोर्ट ने अमेरिकी नागरिक ईतान बेन शाहर को जमानत दी जिन पर अवैध रूप से भारत में रहने का आरोप था। न्यायालय ने ₹20 हज़ार के निजी मुचलके और दो जमानतदारों पर रिहाई का आदेश दिया जिसमें एक भारतीय होना अनिवार्य है। उन पर विदेशी नागरिक अधिनियम 1946 के तहत आरोप लगे थे क्योंकि वे निर्धारित समय से अधिक भारत में रुके थे।

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    अवैध रूप से भारत में रहने के आरोप में गिरफ्तार अमेरिकी नागरिक को पटना हाईकोर्ट ने दी जमानत

    विधि संवाददाता, पटना। पटना हाई कोर्ट ने अपने आदेश से अमेरिकी नागरिक ईतान बेन शाहर को जमानत दे दी। उन पर विदेशी नागरिक अधिनियम, 1946 की धाराओं के तहत अवैध रूप से भारत में रहने का आरोप था। यह आदेश न्यायाधीश चंद्र प्रकाश सिंह की एकलपीठ ने पारित किया।

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    मामला हरैया थाना (पूर्वी चंपारण) कांड संख्या 43/2025 से जुड़ा है। अभियोजन के अनुसार, 41 वर्षीय ईतान बेन शाहर, जो वर्जीनिया (यूएसए) के निवासी हैं, 2024 में भारत में निर्धारित 180 दिनों की सीमा से अधिक (कुल 288 दिन) रुके थे।

    रक्सौल इमिग्रेशन कार्यालय ने 30 अक्टूबर 2024 को उनके प्रवेश पर रोक लगाकर पासपोर्ट पर “एंट्री रिफ्यूजल” व “सीडब्लूओपी ” की मोहर लगा दी थी। इसके बावजूद वे पुनः भारत में रह रहे थे। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता कुमार हर्षवर्धन ने दलील दी कि आरोप निराधार और तकनीकी त्रुटि पर आधारित हैं।

    उनके अनुसार, वीज़ा पर लिखी शर्त को याचिकाकर्ता ने गलत समझा और यह मान लिया कि हर बार का प्रवास 180 दिन तक मान्य होगा, न कि कैलेंडर वर्ष में कुल मिलाकर।

    उन्होंने यह भी बताया कि इमिग्रेशन विभाग की चूक के कारण ही उन्हें दोबारा प्रवेश मिल गया।अधिवक्ता ने स्वास्थ्य संबंधी आधार भी रखा। साथ ही उन्होंने अदालत को यह भी अवगत कराया कि याचिकाकर्ता शैक्षिक, मानवीय और सामाजिक कार्यों से जुड़े हैं और ओडिशा के आदिवासी व गरीब बच्चों के लिए काम कर रहे थे।

    राज्य सरकार की ओर से एपीपी ब्रह्म किशोर प्रसाद तथा केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता नरेश दीक्षित और श्रुति सिंह ने जमानत का विरोध किया। सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने ईतान बेन शाहर को ₹20 हज़ार के निजी मुचलके और दो जमानतदारों (जिनमें से एक भारतीय होना अनिवार्य होगा) पर रिहा करने का आदेश दिया।