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    असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति से जुड़े मामले में पटना HC का आदेश: IIT अनुभव प्रमाणपत्र पर पुनर्विचार करे आयोग

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 06:42 PM (IST)

    पटना हाई कोर्ट ने सहायक प्राध्यापक (भौतिकी) की नियुक्ति मामले में बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग (बीएसयूएससी) के रवैये पर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने ...और पढ़ें

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    विधि संवाददाता, पटना। पटना हाई कोर्ट ने सहायक प्राध्यापक (भौतिकी) की नियुक्ति से जुड़े मामले में बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग (बीएसयूएससी) के रवैये पर सवाल उठाते हुए बड़ी राहत दी है।

    न्यायाधीश हरिश कुमार की एकलपीठ ने आयोग को निर्देश दिया है कि वह याचिकाकर्ता डॉ. कुमार ब्रजेश द्वारा प्रस्तुत आईआईटी कानपुर के अनुभव प्रमाण-पत्र पर पुनर्विचार कर नियमानुसार अंक प्रदान करे और कटऑफ पूरा होने पर उनकी नियुक्ति की अनुशंसा करे।

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    मामला विज्ञापन संख्या एपी -पीएचवाईएस-20/20-21 से संबंधित है, जिसके तहत डॉ. ब्रजेश ने ईडब्ल्यूएस श्रेणी में आवेदन किया था। आयोग ने 30 सितंबर 2024 को जारी अंतिम परिणाम में उन्हें चयन सूची से बाहर कर दिया था। कटऑफ 83.4 अंक था, जबकि याचिकाकर्ता को 82 अंक मिले।

    वरीय अधिवक्ता आनंद ओझा ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता के लगभग सात वर्षों के पोस्ट-डॉक्टोरल अनुभव के बावजूद अनुभव के अंक नहीं जोड़े गए। आयोग का तर्क था कि अनुभव प्रमाण-पत्र विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार द्वारा काउंटर साइन नहीं था, इसलिए उसे स्वीकार नहीं किया गया।

    वहीं, कोर्ट ने माना कि आईआईटी जैसे प्रीमियर संस्थानों में संयुक्त रजिस्ट्रार अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता होता है और उसके द्वारा जारी प्रमाणपत्र को यांत्रिक ढंग से खारिज नहीं किया जा सकता।

    कोर्ट ने आयोग को आठ सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता के अनुभव प्रमाण-पत्र पर अंक देने और कटऑफ पूरा होने की स्थिति में नियुक्ति की अनुशंसा करने का निर्देश दिया है।