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    पटना की आय सबसे अधिक, बेगूसराय दूसरे व मुंगेर तीसरे नंबर पर, ये जिला सबसे अधिक फिसड्डी

    By Akshay PandeyEdited By:
    Updated: Fri, 25 Feb 2022 08:49 PM (IST)

    शिवहर 19.6 हजार रुपये प्रति व्यक्ति आय के साथ सबसे पीछे है। आर्थिक सर्वेक्षण में वर्ष 2019-20 के आंकड़ों के अनुसार भागलपुर जिला 41.8 हजार रुपये के साथ चौथे रोहतास 35.8 हजार के साथ पांचवें और मुजफ्फरपुर जिला 34.8 हजार रुपये प्रति व्यक्ति आय के साथ छठे स्थान पर है।

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    प्रति व्यक्ति आय के मामले में पटना सबसे आगे है। सांकेतिक तस्वीर।

    राज्य ब्यूरो, पटना : राज्य के 38 जिलों में राजधानी पटना प्रति व्यक्ति आय के मामले में 1.31 लाख रुपये के साथ पहले स्थान पर है। वहीं 51.4 हजार रुपये के साथ बेगूसराय दूसरे और 44.3 हजार रुपये के साथ मुंगेर जिला तीसरे स्थान पर है। शिवहर जिला 19.6 हजार रुपये प्रति व्यक्ति आय के साथ सबसे पीछे है। आर्थिक सर्वेक्षण में वर्ष 2019-20 के आंकड़ों के अनुसार, भागलपुर जिला 41.8 हजार रुपये के साथ चौथे, रोहतास जिला 35.8 हजार के साथ पांचवें और मुजफ्फरपुर जिला 34.8 हजार रुपये प्रति व्यक्ति आय के साथ छठे स्थान पर है। इसके बाद प्रति व्यक्ति आय के मामले में औरंगाबाद सातवें, गया आठवें, भोजपुर नौवें और वैशाली 10वें स्थान पर है। वहीं प्रति व्यक्ति आय में सबसे फिसड्डी पांच जिलों की बात करें तो शिवहर के बाद अररिया, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण और मधुबनी शामिल हैं। 

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    • - प्रति व्यक्ति आय के मामले में शिवहर सबसे फिसड्डी
    • - 1.31 लाख रुपये प्रति व्यक्ति आय के साथ पटना सबसे आगे
    • - 19.6 हजार रुपये प्रति व्यक्ति आय के साथ शिवहर सबसे पीछे

    चार प्रतिशत बढ़ा शहरीकरण, डेढ़ गुणा अधिक खर्च

    राज्य ब्यूरो, पटना : राज्य में शहरीकरण का स्तर वर्ष 2011 में 11.3 प्रतिशत था जो सौ से अधिक नए शहरी निकायों के गठन के बाद अब 15.3 प्रतिशत हो गया है। इसमें भी पटना 44.3 प्रतिशत के साथ शहरीकरण में अव्वल है। इसके बाद 28.3 प्रतिशत के साथ मुंगेर दूसरे नंबर पर है। बांका जिला शहरीकरण के मामले में सबसे पीछे है। नए शहरों के गठन के साथ उसके विकास पर होने वाले खर्च के लिए भी राशि बढ़ाई गई है। पिछले पांच सालों में नगर विकास पर सार्वजनिक व्यय डेढ़ गुणा से भी अधिक हुआ है। वर्ष 2015-16 में सार्वजनिक व्यय 3134.30 करोड़ था जो वर्ष 2019-20 में बढ़कर 8423.80 करोड़ रुपये हो गया है। हाल ही में सरकार ने नगर विकास एवं आवास विभाग में 2850 कर्मियों व अफसरों की नियुक्ति भी की है।