स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए मार्च तक पटना पहुंचेगी टीम, 45 दिनों तक ऑन ग्राउंड होगा सर्वेक्षण
स्वच्छता सर्वेक्षण 2025-26 की तैयारी पटना में शुरू हो गई है। फरवरी-मार्च 2026 में टीम पटना पहुंचकर मूल्यांकन करेगी। गार्बेज फ्री सिटी और ओडीएफ प्रमाणन ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक तस्वीर
जागरण संवाददाता, पटना। स्वच्छता सर्वेक्षण 2025-26 की टूलकिट जारी होते ही राजधानी पटना में तैयारियां तेज हो गई हैं। नगर निगम अधिकारियों के अनुसार, फील्ड मूल्यांकन फरवरी के मध्य से मार्च 2026 तक शुरू होने की उम्मीद है।
इसी अवधि में स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम पटना पहुंचकर जमीनी हकीकत का आकलन करेगी। इसके साथ ही गार्बेज फ्री सिटी (जीएफसी) और ओपन डेफिकेशन फ्री (ओडीएफ) प्रमाणन का मूल्यांकन भी फरवरी 2026 के मध्य से आरंभ होगा। बताया गया कि प्रशिक्षित फील्ड मूल्यांकनकर्ता 45 दिनों तक आन-ग्राउंड सर्वेक्षण करेंगे।
यह सर्वे वास्तविक समय की जीपीएस-सक्षम निगरानी के साथ सभी शहरी स्थानीय निकायों को कवर करेगा। स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत शहरी स्वच्छता ढांचे में गंगा-बहुल शहरों का विशेष आकलन किया जाता है। अब इसके दायरे का विस्तार करते हुए देशभर के नदी-बहुल शहरों को भी शामिल किया जा रहा है।
वहीं, तटीय क्षेत्रों के लिए अलग मैट्रिक्स तैयार किया गया है। इस वर्ष से नागरिकों की भागीदारी और अधिक मजबूत की गई है। नागरिक ‘वोट फार माय सिटी’ एप व पोर्टल, मायगव एप, स्वच्छता एप और क्यूआर कोड सहित विभिन्न प्लेटफार्मों के माध्यम से पूरे वर्ष अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करा सकेंगे। नागरिक सत्यापन के महत्व को भी काफी बढ़ा दिया गया है। कचरा मुक्त शहर बनाने के लक्ष्य के साथ स्वच्छ सर्वेक्षण शहरी परिवर्तन को गति दे रहा है।
स्वच्छ भारत मिशन-शहरी को दुनिया के सबसे बड़े जन आंदोलनों में शामिल किया जाता है, जिसका केंद्र बिंदु स्वच्छ सर्वेक्षण है। यह अब केवल शहरों की रैंकिंग तक सीमित नहीं रहा, बल्कि नागरिक सहभागिता, फीडबैक और शिकायत निवारण का सशक्त मंच बन चुका है।
नगर निगम का कहना है कि पटना अपनी रैंकिंग सुधारने के लिए सफाई व्यवस्था, कचरा प्रबंधन और जन-जागरूकता अभियानों पर विशेष ध्यान दे रहा है। आने वाले महीनों में स्वच्छता अभियान और तेज किए जाएंगे, ताकि सर्वेक्षण में बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित की जा सके।

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