Patna Flood Alert: पटना में बाढ़ की आशंका को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट, 245 नाविकों समेत तैनात रहेंगी कई टीमें
पटना जिला प्रशासन ने बाढ़ की आशंका को देखते हुए तैयारियां पूरी कर ली हैं। गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। 245 नाविकों के साथ अनुबंध किया गया है और एसडीआरएफ-एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं। 119 ऊंचे स्थानों पर राहत शिविर खोले जाएंगे। जिला प्रशासन स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा है।

जागरण संवाददाता, पटना। पिछले कुछ दिनों से पटना, गया, जहानाबाद और झारखंड क्षेत्र में सामान्य से अधिक वर्षा होने के कारण फल्गु, धरधा और गंगा नदियों का जलस्तर तेज़ी से बढ़ा है। बढ़ते जलस्तर को देखते हुए पटना जिला प्रशासन ने बाढ़ की आशंका के मद्देनजर सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं।
प्रशासन ने 245 नाविकों के साथ अनुबंध किया है, ताकि आपात स्थिति में नावों, नाविकों और गोताखोरों की मदद से परिवहन, राहत एवं बचाव कार्य सुचारू रूप से किया जा सके। इसके अलावा गायघाट और पटना सिटी में एसडीआरएफ की टीमें, जबकि दीदार गंज में एनडीआरएफ की टीम तैनात की गई है, जो आवश्यकतानुसार प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित कार्रवाई करेगी।
पटना जिले में 119 ऊंचे स्थानों की पहचान की गई है, जहां जरूरत पड़ने पर राहत शिविर और सामुदायिक रसोई केंद्र संचालित किए जाएंगे। संभावित रूप से प्रभावित क्षेत्रों के अंचल अधिकारियों, अनुमंडल अधिकारियों और जल संसाधन विभाग के अभियंताओं द्वारा नदियों पर बने बांधों की निरंतर निगरानी की जा रही है।
स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करते हुए, सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक दवाओं का भंडारण किया गया है और प्रखंड एवं जिला स्तर पर चिकित्सा दल गठित किए गए हैं। बाढ़ संबंधी सामग्री और पशु आहार की दरें निर्धारित कर दी गई हैं, साथ ही सभी प्रखंडों और जिला स्तर पर पॉलीथीन शीट की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
जिला प्रशासन ने जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र को चौबीसों घंटे चालू रखा है, जो जलस्तर पर निगरानी रख रहा है और सभी प्रशासनिक एवं संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर रहा है। जिला स्तर पर विभिन्न प्रकोष्ठों और कार्यबलों का गठन किया गया है और वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से स्थिति पर नज़र रखी जा रही है।
गांधी घाट पर गंगा खतरे के निशान से ऊपर
पटना के गांधी घाट पर गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। यहां खतरे का निशान 48.60 है। शुक्रवार सुबह यह 48.76 तक पहुंच गया था। वहीं, मनेर, दीघा और हाथीदह में गंगा खतरे के निशान के बेहद करीब पहुंच गई है। सोन और पुनपुन नदियों के जलस्तर में भी वृद्धि दर्ज की गई है।
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