Patna News: कार्यपालक सहायक ने खुद बनाया था 'डॉग बाबू' का निवास प्रमाणपत्र, DM की जांच में खुली पोल
पटना में डॉग बाबू के निवास प्रमाण पत्र मामले में मसौढ़ी अंचल के कार्यपालक सहायक मिंटू कुमार निराला को गिरफ्तार किया गया है। जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम की जांच में पाया गया कि आरोपित ने कुत्ते की तस्वीर लगाकर फर्जी आवेदन अपलोड किया था। आरोपित ने दूसरे के आधार कार्ड का इस्तेमाल कर यह काम किया और बाद में इसे वायरल कर दिया। उसे बर्खास्त करने की कार्रवाई जारी है।

जागरण संवाददाता, पटना। जिस डॉग बाबू के निवास प्रमाणपत्र ने हड़कंप मचा दिया था वह मसौढ़ी अंचल के कार्यपालक सहायक की कारगुजारी थी। उसी ने इस कार्य को अंजाम दिया था। जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने मंगलवार को जांच कराई तो मामला सामने आया।
तकनीकी जांच के बाद गिरफ्तार कर उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। बर्खास्त करने की कार्रवाई की जा रही है। आरोपित कार्यपालक सहायक जहानाबाद के घोसी प्रखंड का मिंटू कुमार निराला है। इस मामले में आवेदक समेत राजस्व पदाधिकारी एवं आइटी सहायक पर प्राथमिकी की गई थी।
जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने मसौढ़ी अंचल कार्यालय पहुंचकर पूरे मामले की विस्तृत जांच की। पटना पूर्वी एसपी, एसडीओ, एसडीपीओ व एनआइसी टीम के साथ पहुंचे जिलाधिकारी के समक्ष आरटीपीएस काउंटर पर उपयोग किए जा रहे कंप्यूटर सिस्टम की तकनीकी जांच की गई।
एनआईसी के माध्यम से भी उक्त आवेदन को अपलोड करने के संबंध में पड़ताल की गई। जांच में पता चला कि अंचल कार्यालय के कार्यपालक सहायक ने स्वयं कुत्ते का फोटो लगाकर वह आवेदन अपलोड किया था। यह कार्य 15 जुलाई की सुबह 9.41 बजे किया गया।
उसने दूसरे के आधार कार्ड को संलग्न कर खुद अपने काउंटर के कंप्यूटर से आवेदन अपलोड किया था। इसके बाद वरीय अधिकारी को उसे भेजकर धोखे से स्वीकृति प्राप्त की और अपने ही कंप्यूटर से डाउनलोड कर उसे इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया था। मामला सुर्खियों में आने के बाद कंप्यूटर और इंटरनेट मीडिया का पूरा डेटा डिलीट कर दिया।
मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य के लिए अनुमंडल कार्यालय में प्रतिनियुक्ति के बावजूद वह तय समय से एक घंटा पहले अंचल कार्यालय पहुंचकर अपने काउंटर से अनाधिकृत ढंग से आवासीय एवं जाति प्रमाण पत्र बनवाता था। तकनीकी जांच के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि उसे तुरंत जेल भेज दिया गया तथा अग्रेतर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। इन्हें बर्खास्त करने की कार्रवाई भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस प्रमाणपत्र को बनाने के पीछे मंशा क्या थी तथा इस प्रकरण से जुड़े अन्य लोग कौन हैं? इसकी भी जांच की जा रही है।
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