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    भवेश पर इतनी मेहरबानी क्‍यों? कठघरे में पाटलिपुत्र कोऑपरेट‍िव बैंक की कार्यप्रणाली, EOU तलाश रही सवालों के जवाब

    By Rajat Kumar Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Sat, 13 Dec 2025 08:43 PM (IST)

    पाटलिपुत्र कोऑपरेटिव बैंक की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है, विशेष रूप से भवेश पर दिखाई गई मेहरबानी को लेकर। EOU इस मामले की जांच कर रही है और कई ...और पढ़ें

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    भवेश कुमार सिंह के ठिकाने से बरामद रुपये व गहने। जागरण

    राज्य ब्यूरो, पटना। पाटलिपुत्र सेंट्रल सहकारी बैंक (Patliputra Central Co-Operative Bank) के विकास पदाधिकारी भवेश कुमार सिंह के ठिकानों पर छापेमारी के बाद मिली करोड़ों की अवैध संपत्ति ने सहकारी बैंक की कार्यप्रणाली को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है।

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    आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के अनुसार, भवेश पर 2019 में बैंक राशि गबन करने का भी आरोप है। इस मामले में पटना के नौबतपुर थाने में प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी। इसके बावजूद भवेश को हाल ही में प्रोन्नति देकर स्केल-3 का अधिकारी बना दिया गया।

    ईओयू अब जांचेंगी कि आखिर भवेश पर इतनी मेहरबानी क्यों दिखाई जा रही थी? इसको लेकर ईओयू जल्द ही बैंक प्रबंधन से भी सवाल-जवाब कर सकता है।

    अवैध कमाई कहां से आई

    इसके अलावा उसकी टेबल से गुजरने वाली फाइलों की भी जानकारी जुटाई जा रही है, ताकि पता चल सके कि उसकी अवैध कमाई का स्रोत क्या था।

    ईओयू सूत्रों के अनुसार, छापेमारी के बाद भवेश से लंबी पूछताछ की गई है। उसके पास मिली राईस मिल, पेट्रोल पंप के साथ नकद राशि और अन्य संपत्तियों का हिसाब भी मांगा गया है।

    हालांकि भवेश अभी कुछ भी स्पष्ट रूप से जवाब नहीं दे रहा है। ईओयू ने उसे फिर से सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया है। सूत्रों के अनुसार, भवेश के पास पटना और गोपालगंज के अलावा राज्य के बाहर भी संपत्ति में निवेश की जानकारी मिली है।

    इसका सत्यापन कराया जा रहा है। फिलहाल भवेश के बैंक खातों को फ्रीज करा दिया गया है।

    आयकर विभाग और सहकारी बैंक प्रबंधन से मांगी जानकारी

    ईओयू ने विकास पदाधिकारी भवेश कुमार सिंह के पास से मिली चल-अचल संपत्ति को लेकर आयकर विभाग को भी पत्र लिखकर सहयोग मांगा है। इसके अलावा सहकारी बैंक प्रबंधन से भी सहयोग मांगा गया है।

    खासकर पाटलिपुत्र सेंट्रल को-आपरेटिव बैंक में आरएम इंटरप्राइजेज के नाम से खोले गए खाते की जानकारी मांगी गई है। इस खाते से करीब 15 करोड़ रुपये का वार्षिक लेन-देन हुआ है।

    यह इंटरप्राइजेज भवेश के रिश्तेदार के नाम पर है। इसकी पड़ताल भी ईओयू की टीम कर रही है। नौबतपुर थाने में दर्ज गबन के मामले में क्या जांच हुई, इसकी जानकारी भी ईओयू जुटा रही है। उसके पास से मिली चल-अचल संपत्ति का भी आकलन किया जा रहा है।