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    बिहार में EC ने तेज की वेरिफिकेशन प्रोसेस, इन वोटरों को नहीं देने होंगे कोई दस्तावेज; इनके हटेंगे नाम

    By Jagran NewsEdited By: Rajesh Kumar
    Updated: Wed, 02 Jul 2025 07:52 AM (IST)

    बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्य तेज़ी से चल रहा है। जिलाधिकारी ने बताया कि इसका उद्देश्य सभी पात्र नागरिकों को मतदाता सूची में शामिल करना है और अपात्रों को हटाना है। 1 जुलाई 2025 को अर्हता तिथि मानकर 25 जून से 26 जुलाई तक घर-घर सर्वेक्षण किया जाएगा और 30 सितंबर को अंतिम सूची प्रकाशित की जाएगी। मतदाता ऑनलाइन प्रपत्र प्राप्त कर सकते हैं।

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    मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का कार्य तेजी से चल रहा है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का कार्य तेजी से चल रहा है। मंगलवार को जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी ने कन्या मध्य विद्यालय में इसकी समीक्षा की।

    उन्होंने बूथवार मतगणना प्रपत्रों के वितरण की स्थिति, मतगणना प्रपत्रों व दस्तावेजों के संग्रहण की स्थिति समेत आयोग के सभी दिशा-निर्देशों के अनुपालन की समीक्षा की। जिलाधिकारी ने कहा कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र नागरिक मतदाता सूची में शामिल हों और कोई भी पात्र मतदाता मतदाता सूची से बाहर न हो। साथ ही कोई भी अपात्र मतदाता इसमें शामिल न हो। मृत/स्थानांतरित/अनुपस्थित मतदाताओं का नाम हटाना भी इसका उद्देश्य है।

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    भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशानुसार अर्हता तिथि एक जुलाई 2025 के आधार पर मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान, 2025 में 25 जून से 26 जुलाई तक घर-घर सर्वेक्षण किया जाएगा तथा एक अगस्त को मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशन किया जाएगा। दावा-आपत्ति दाखिल करने की अवधि एक अगस्त से एक सितंबर तक निर्धारित की गई है।

    मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 30 सितंबर को किया जाएगा। अंतिम मतदाता सूची की एक प्रति सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के साथ साझा की जाएगी। यह ईसीआई/सीईओ की वेबसाइट पर भी उपलब्ध रहेगी।

    जिलाधिकारी ने कहा कि जो मतदाता समय पर प्रपत्र जमा नहीं करेंगे, उनके नाम प्रारूप सूची में शामिल नहीं किए जाएंगे। अगर कोई मतदाता समय पर गणना प्रपत्र जमा नहीं कर पाता है, तो वह दावा-आपत्ति अवधि के दौरान प्रपत्र-6 एवं घोषणा के साथ नाम जोड़ने के लिए आवेदन कर सकता है।

    मतदाता मतदाता eci.gov.in पर EPIC नंबर दर्ज करके भी गणना प्रपत्र प्राप्त कर सकते हैं। मतदाता eci.gov.in और ECINet ऐप पर गणना प्रपत्र भरने और ऑनलाइन माध्यम से दस्तावेज अपलोड करने की सुविधा भी उपलब्ध है।

    अंतिम गहन पुनरीक्षण 2003 में

    जिला पदाधिकारी ने बताया कि बिहार के लिए अंतिम गहन पुनरीक्षण आयोग द्वारा वर्ष 2003 में 01 जनवरी 2003 को अर्हता तिथि मानकर किया गया था। अर्हता तिथि 1 जनवरी 2003 तक मतदाता सूची में पंजीकृत मतदाताओं को विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान, 2025 के दौरान गणना प्रपत्र के साथ दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं है।

    अंतिम गहन पुनरीक्षित मतदाता सूची दिनांक 01.01.2003 में शामिल मतदाताओं को केवल अपनी प्रविष्टियों की पुष्टि करनी है और गणना प्रपत्र भरकर जमा करना है।

    इसके अलावा यदि किसी मतदाता के माता या पिता में से किसी का नाम 01.01.2003 तक मतदाता सूची में शामिल हो चुका है, तो ऐसे व्यक्ति को इस नामांकन के लिए उनसे संबंधित कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी, चाहे उस व्यक्ति की जन्म तिथि कुछ भी हो। अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरतने वाले सभी बीएलओ के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जा रही है।

    साथ ही उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की सहायता के लिए जिला संपर्क केंद्र सह मतदाता हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 1950 पर कॉल कर सकता है।

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