Patna Nagar Nigam Meeting: पटना महापौर-नगर आयुक्त में तकरार, पार्षदों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की बौछार
पटना नगर निगम की नौवीं बैठक में जमकर हंगामा हुआ। पक्ष-विपक्ष के पार्षद आपस में भिड़ गए जिसके चलते नगर आयुक्त बैठक छोड़कर चले गए और विपक्षी पार्षदों ने बहिष्कार कर दिया। पार्षदों ने अफसरशाही पर हावी होने और विकास कार्य नहीं होने का आरोप लगाया। बाद में 52 पार्षदों की मौजूदगी में 12 एजेंडों पर मुहर लगाई गई।

जागरण संवाददाता, पटना। आरोप-प्रत्यारोप। सही-गलत। हंगामा, बहिष्कार। नगर निगम की नौवीं साधारण बैठक में शुक्रवार को यही नजारा था। शुरुआत से ही पक्ष और विपक्ष के पार्षद एक-दूसरे पर हमलावर रहे। तानाशाही, भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे। बैठक बीच में छोड़कर ही नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर चले गए। विपक्षी खेमे के पार्षदों ने भी बैठक का बहिष्कार कर दिया।
इसके बाद 52 पार्षदों की मौजूदगी में 12 एजेंडे पर बोर्ड ने मुहर लगाई। बैठक में पार्षदों ने शहर में कोई काम नहीं होने, जनता के आक्रोश, अफसरशाही आदि के मुद्दे पर खूब नाराजगी जताई।
बैठक की शुरुआत से ही होने लगा हंगामा:
महापौर सीता साहू की अध्यक्षता में होटल पनाश में बैठक शुरू होते ही हंगामे का सिलसिला शुरू हो गया। महापौर के साथ उपमहापौर रेशमी चंद्रवंशी व अन्य पार्षद बैठक में उपस्थित थे। इधर होटल के बाहर नगर निगम के कर्मी प्रदर्शन कर रहे थे। सभाकक्ष में पिछली बैठक की प्रोसिडिंग में छेड़छाड़ का मामला उठा तो पक्ष-विपक्ष के पार्षद आमने-सामने आ गए।
इसके बाद नारेबाजी, तू तू-मैं मैं सबकुछ होने लगा। शोरगुल कुछ शांत हुआ तो नगर आयुक्त ने कहा कि उस मामले में जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा जो मामला उठाया जा रहा है वह एजेंडा में है ही नहीं।
आप चुप रहिए, नहीं मैडम मैं चुप नहीं रहूंगा:
महापौर ने नगर आयुक्त को कहा कि आप चुप रहिए। नगर आयुक्त ने कहा, नहीं मैडम, आपके कहने से मैं चुप नहीं रहूंगा। मैं गैरकानूनी कार्य नहीं होने दूंगा। आप मुझे गलत करने के लिए बाध्य नहीं कर सकती हैं। इस तरह से काम नहीं हो सकता। नगर आयुक्त ने एक एजेंसी के पक्ष में निर्णय लिए जाने पर आपत्ति जताई।
उन्होंने कहा कि कोई एजेंसी नगर निगम से बड़ी नहीं हो सकती। इतना कहने के बाद नगर आयुक्त बैठक छोड़कर चले गए। पार्षदों ने मान-मनौव्वल का प्रयास भी किया, लेकिन वे सभाकक्ष से बाहर चले गए।
पक्ष-विपक्ष के पार्षदों में हाथापाई की नौबत:
नगर आयुक्त के जाने के बाद विपक्षी पार्षद इंद्रदीप चंद्रवंशी, आशीष रंजन सिन्हा, विनय पप्पू, जीत कुमार, राहुल कुमार, पिंकी, श्वेता रंजन आदि भी बैठक का बहिष्कार कर निकल गए। सभाकक्ष से निकलने के बाद गलियारे में शोरगुल होने पर दूसरे पार्षद वहां पहुंच गए।
इस दौरान वहां हाथापाई की नौबत आ गई। एक-दूसरे पर आरोपों की बौछार कर दी गई। इंद्रदीप चंद्रवंशी ने कहा कि सत्ता पक्ष के पास संख्याबल है तो जो मनमानी करनी है कर लें, लेकिन असंवैधानिक कार्य देखकर मैं चुप नहीं रह सकता। इस कारण बैठक से बाहर निकलना ही उचित लगा।
अफसरशाही हावी, नहीं हो रहा कोई काम:
नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त, नगर सचिव व विपक्षी खेमे के पार्षदों के जाने के बाद महापौर ने बैठक की कार्यवाही शुरू करने को कहा। वार्डों में एक सौ वाटर एटीएम लगाने, वार्ड नंबर पांच समनपुरा, वार्ड 61 पटना सिटी, वार्ड 15 यारपुर, वार्ड 28 मौर्यालोक कॉम्प्लेक्स व वार्ड 32 चांगर के पास उच्च क्षमता का ट्यूबवेल लगाने, पटना सिटी में बहुद्देशीय भवन निर्माण, आरसीसी नाला, पीसीसी रोड निर्माण आदि एजेंडे को पास करने की घोषणा की गई।
सदस्यों ने कहा कि नगर निगम में अफसरशाही हावी है। पार्षद निर्णय लेते हैं, बोर्ड और सशक्त स्थायी समिति उसे पास करने की घोेषणा भी करती है, लेकिन जमीन पर कुछ नहीं होता।
कुमार संजीत ने कहा कि महापौर बैठी रहीं, लेकिन नगर आयुक्त चले गए, यह सदन का अपमान है। इसके विरोध में हम सब धरना देंगे। मनोज कुमार, सतीश गुप्ता, असफर अहमद, श्वेता राय आदि ने प्रमुखता से बातें रखीं।
वार्ड तीन की पार्षद ने पाइप बिछाए बिना एजेंसी को भुगतान का आरोप लगाया, बोर्ड ने उसकी जांच कर कार्रवाई का आदेश दिया। वार्ड सात के पार्षद अमर कुमार ने कहा कि वार्डों में कचरा उठाने वाली गाड़ी नहीं पहुंचती है। केवल एजेंडा पास हो रहा है, होता कुछ नहीं।
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