Bihar: विश्वविद्यालयों को दिए गए 269 करोड़ में गड़बड़ी की आशंका, शिक्षा विभाग ने कुलसचिवों को किया तलब
विश्वविद्यालयों ने शिक्षा विभाग को 269 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं दिया है जिससे गड़बड़ी की आशंका है। शिक्षा विभाग ने कुलसचिवों को बकाया राशि का हिसाब देने के लिए तलब किया है और इसके लिए समय सारणी तय की है। उच्च शिक्षा निदेशक ने नाराजगी जताई है और लंबित उपयोगिता को तुरंत जमा करने के लिए कहा है। इस मामले में विश्वविद्यालयों की एक बैठक भी बुलाई गई है।

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के विश्वविद्यालयों ने विगत छह वित्तीय वर्षों में 269 करोड़ रुपये की राशि का हिसाब शिक्षा विभाग को नहीं दिया है। इस राशि में गड़बड़ी की आशंका जतायी जा रही है। इस मामले में शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को बकाया राशि का हिसाब देने हेतु तलब किया है। इसके लिए विभाग ने शेड्यूल तय किया है।
उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. एनके अग्रवाल ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को दिए निर्देश में नाराजगी जताते हुए कहा है कि अब तक लंबित पड़ी उपयोगिता को बीटीसी फार्म 42ए में भर कर विभाग में समर्पित करने को कहा गया था। इसके बाद भी अब तक राशि की उपयोगिता समर्पित नहीं की गई है, जो अत्यंत खेदजनक है।
इस संबंध में उन्होंने विश्वविद्यालयों की बैठक बुलाया है। उन्होंने कुलसचिवों से कहा है कि आपको अवगत कराया जा चुका है कि लंबित उपयोगिता की राशि के समायोजन को गंभीरता से लिया जा रहा है।
उच्च शिक्षा निदेशक ने कुलसचिवों से कहा है कि विश्वविद्यालयवार शिड्यूल तय करते हुए उसके अनुरूप वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2024-25 तक की लंबित उपयोगिता के साथ उपसचिव कोषांग में रीना संतोषी तिर्की को उपलब्ध कराएं। इसे अत्यावश्यक समझें। निर्देश
के मुताबिक पटना विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय एवं मौलाना मजहरुल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के लिए 25 जुलाई, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय एवं पूर्णिया विश्वविद्यालय के लिए 28 जुलाई, मगध विश्वविद्यालय एवं बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के लिए 29 जुलाई, जयप्रकाश विश्वविद्यालय एवं बीएन मंडल विश्वविद्यालय के लिए 30 जुलाई, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय एवं तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के लिए 31 जुलाई तथा मुंगेर विश्वविद्यालय एवं कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के लिए एक अगस्त की तिथि तय हुई है।
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