जमीन के लिए खून से रंगे हाथ! पिता को उतारा मौत के घाट; फिर अंधेरी रात में जो किया... कांप उठेगी रूह
पटना के कंकड़बाग में जमीन विवाद में बेटे और पोते ने मिलकर बुजुर्ग शिवभजन विश्वकर्मा की हत्या कर दी। आरोपियों ने लोहे की छड़ से पीट-पीटकर उनकी हत्या की और शव को रामकृष्णा नगर में फेंक दिया। पुलिस ने आरोपी बेटे आलोक नाथ विश्वकर्मा और उसके दो नाबालिग बेटों को गिरफ्तार कर लिया है।

जागरण संवाददाता, पटना। जिले के कंकड़बाग से लापता बुजुर्ग शिवभजन विश्वकर्मा की हत्या की गई थी। तीन डिसमिल जमीन और चांदमारी रोड में एक मकान के विवाद में बेटे और पोते ने मिलकर उनकी छड़ से पिटाई हत्या कर दी थी। फिर बाइक से शव को रामकृष्णा नगर थाना क्षेत्र में फेंक दिया था।
कंकड़बाग थाने की पुलिस हत्याकांड का खुलासा करते हुए आरोपी पुत्र आलोक नाथ विश्वकर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। हत्या में संलिप्त आलोक के दोनों नाबालिग पुत्रों को भी पुलिस ने पकड़ लिया है।
एसपी पूर्वी परिचय कुमार ने बताया कि 22 जुलाई को कंकड़बाग थाने में मृतक के छोटे बेटे कृष्णा विश्वकर्मा ने शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें बताया गया था कि 18 जुलाई की सुबह 11 बजे उनके पिता को बड़े भाई आलोक नाथ विश्वकर्मा ने मिलने के लिए बुलाया था। इसके बाद से पिता घर वापस नहीं आए हैं।
इस मामले में केस दर्ज कर मामले की जांच के लिए एएसपी अभिवन के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया। दूसरे दिन 19 जुलाई को सूचना मिली कि रामकृष्णा नगर में एक वृद्ध का शव बरामद हुआ है। शव का शिनाख्त 60 वर्षीय शिवभजन विश्वकर्मा के रूप में हुई।
छानबीन में पता चला कि इस घटना में उनके बड़े पुत्र और एवं इनके दोनों नाबालिग बेटों की संलिप्तता है। तीनों को दबोचा गया और पूछताछ में उन्होंने अपराध स्वीकार कर लिया।
छोटे बेटे के साथ रहते थे पिता
शिव भजन विश्वकर्मा कंकड़बाग के चांदमारी रोड स्थित छोटे बेटे कृष्णा विश्वकर्मा के साथ रहते थे। उनका बड़े बेटे आलोक के साथ लंबे समय से प्रापर्टी को लेकर विवाद चल रहा था। 18 जुलाई को आलोक ने अपने पिता को घर बुलाया। वहां जमीन को लेकर बहस शुरू हो गई।
बहस इतनी बढ़ी कि आलोक और उसके दोनों बेटों ने छड़ से शिव भजन की बेरहमी से पिटाई कर दी, जिससे उनकी मौत हो गई। आलोक की पत्नी ने बीच-बचाव की कोशिश की थी, लेकिन आरोपितों ने एक न सुनी।
रात के ढाई बजे शव को लगाया ठिकाने
पिटाई से पिता की मौत होने के बाद अलोकनाथ और उसके नाबालिग बेटों ने अंधेरा होने का इंतजार किया। इसके बाद रात करीब दो ढाई बजे के बीच बाइक से शव को रामकृष्णा नगर थाना क्षेत्र के महादेवनगर में ले गए, जहां सुनसान जगह में शव को फेंक दिया।
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