Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Patna Crime: पहले गला घोंटा फिर जलाया, करीबी ने ही की भाई-बहन की हत्या; इलाके में फैली सनसनी

    By Ashish Shukla Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Sat, 02 Aug 2025 08:19 AM (IST)

    जानीपुर के नगवां गांव में भाई-बहन की हत्या से सनसनी फैल गई। पुलिस को एक करीबी दोस्त पर शक है जिसने कथित तौर पर शवों को जलाकर सबूत मिटाने की कोशिश की। विशेष टीम गठित कर जांच जारी है और 22 लोगों से पूछताछ हो चुकी है। ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया जिसके बाद अधिकारियों ने हस्तक्षेप कर कार्रवाई का आश्वासन दिया।

    Hero Image
    जानीपुर के नगवां गांव में भाई-बहन की हत्या से सनसनी फैल गई। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, फुलवारीशरीफ। जानीपुर थाना क्षेत्र के नगवां गांव में मासूम भाई-बहन की हत्या कर शव जलाने के पीछे सोची-समझी साजिश बताई जा रही है। घटना के कुछ घंटे बाद ही पुलिस के शक के घेरे में एक करीबी दोस्त आ गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पुलिस यह भी दावा कर रही है कि करीबी दोस्त की पहचान कर ली गई है। घटनास्थल पर मिले साक्ष्यों से पुलिस अनुमान लगा रही है कि अपराधी ने इस हत्या को दुर्घटना का रूप देने के लिए शव को जला दिया। इधर, हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है, जिसमें नौ टीमें लगातार काम कर रही हैं।

    इसमें दो टीमें पटना से बाहर छापेमारी कर रही हैं। अब तक 22 लोगों से पूछताछ हो चुकी है। दो लोग पुलिस हिरासत में हैं, जिनसे पूछताछ की जा रही है। जांच में यह भी बात सामने आ रही है कि कुछ लोगों ने आरोपियों को देखा था, लेकिन कोई उनके बारे में कुछ नहीं बता रहा है।

    पुलिस 24 घंटे के अंदर इस मामले का पर्दाफाश कर सकती है। एसपी पश्चिम भानु प्रताप सिंह ने बताया कि सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। आरोपियों की पहचान कर ली गई है। जल्द ही मामले का पर्दाफाश कर दिया जाएगा।

    लोग सड़कों पर उतरे, बाजार बंद रहा

    भाई-बहन की हत्या के दूसरे दिन शुक्रवार को गुस्साए लोग सड़कों पर उतर आए। उन्होंने टायर जलाकर जानीपुर रोड जाम कर दिया। विधायक गोपाल रविदास भी आम जनता के बीच सड़क पर बैठ गए। लोगों का कहना था कि एसएसपी खुद मौके पर आएं। आरोपियों की गिरफ्तारी होने तक धरना जारी रहेगा। वे पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने, दोषियों को सजा दिलाने और मुआवजे की मांग कर रहे थे।

    इस बीच, लोगों ने जानीपुर बाजार की सभी दुकानें बंद कर दीं। इधर, घटना के बाद दिन भर चौराहों से लेकर गांव की गलियों तक इस घटना की चर्चा होती रही। कई तरह के कयास भी लगाए जा रहे थे। गांव में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

    धरना की सूचना मिलते ही एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा, सिटी एसपी पश्चिम, डीएसपी फुलवारीशरीफ भी वहां पहुंचे। लोगों को आश्वासन दिया गया कि मामले की जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है। एसएसपी ने घटनास्थल का दौरा किया। कुछ लोगों से पूछताछ भी की गई। विशेष पुलिस दल के सदस्य भी घर के आसपास घूमते देखे गए।

    तकिये से गला घोंटकर शव जलाए गए

    जिलाधिकारी के आदेश पर गुरुवार रात दोनों मासूम बच्चों का पोस्टमार्टम कराया गया। शव परिजनों को सौंप दिए गए। पिता ने दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया। सूत्रों की मानें तो पोस्टमार्टम के बाद पुलिस को जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार भाई-बहन की तकिये से गला घोंटकर हत्या करने के बाद शवों पर मिट्टी का तेल डालकर जलाया गया।

    स्थानीय लोग कई तरह के कयास लगा रहे हैं। पुलिस की जांच दो-तीन बिंदुओं पर भी चल रही है। घर का सामान सुरक्षित था, इसलिए ऐसा नहीं लगता कि चोरी या डकैती के इरादे से वारदात को अंजाम दिया गया। दो कमरों वाले इस घर के आसपास खेत हैं और एक हिस्सा आबाद है।

    आरोपी को घर की पूरी जानकारी थी। घर में कितने सदस्य हैं? कौन कितने बजे तक आता है? आने-जाने का रास्ता किस तरफ से है? इसकी भी उसे जानकारी थी। यह भी संभव है कि आरोपी बुरी नीयत से घर में घुसे हों। हो सकता है कि शोर न मचाने के लिए दोनों की हत्या कर दी गई हो। या फिर आरोपी किसी साजिश के तहत हत्या के इरादे से घर में घुसे हों।

    फिलहाल, पुलिस तकनीकी जांच और घटनास्थल से मिले सबूतों के आधार पर किसी करीबी रिश्तेदार की तलाश कर रही है।

    भाई-बहन के शव घर के एक कमरे में मिले

    गुरुवार दोपहर नगवां गांव में ललन गुप्ता की 15 वर्षीय बेटी अंजलि और 10 वर्षीय बेटे अंशु के शव घर के एक कमरे में मिले। घटना के समय घर में इन दोनों के अलावा कोई नहीं था। ललन गुप्ता चुनाव आयोग के कॉल सेंटर में काम करते हैं। पत्नी शोभा कुमारी पटना स्थित एम्स में एक निजी कंपनी में गार्ड हैं।

    दोनों गुरुवार सुबह सात से आठ बजे के बीच काम पर गए थे। दोपहर करीब दो बजे जब शोभा ड्यूटी से घर लौटीं तो उन्होंने देखा कि घर का मुख्य दरवाजा खुला था। जब वह घर के अंदर गईं तो अंदर सन्नाटा था। उसने बच्चों को आवाज़ लगाई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। फिर उसने देखा कि अंदर वाले कमरे का दरवाज़ा बाहर से बंद था।

    जब वह दरवाज़ा खोलकर अंदर गई, तो देखा कि उसकी बेटी और बेटा बिस्तर पर मृत पड़े थे। अंजलि का आधा शरीर जला हुआ था और अंशु के शरीर पर भी जलने के निशान थे। बिस्तर और सामान का कुछ हिस्सा जला हुआ था।