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    Bihar Teacher News: नवनियुक्त प्रधान शिक्षकों को मिला निर्देश, जल्द करें विद्यालय शिक्षा समिति का गठन

    Updated: Tue, 19 Aug 2025 06:10 PM (IST)

    पटना जिले के 1852 सरकारी स्कूलों में स्थायी प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। जिला शिक्षा कार्यालय ने सभी नवनियुक्त प्रधान शिक्षकों को विद्यालय शिक्षा समिति गठित करने का निर्देश दिया है। समिति में 17 सदस्य होंगे जिनमें अभिभावक और पदेन सदस्य शामिल हैं। समिति को विद्यालय के विकास के लिए वित्तीय निर्णय लेने का अधिकार होगा।

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    नवनियुक्त प्रधान शिक्षकों को मिला निर्देश, जल्द करें विद्यालय शिक्षा समिति का गठन

    जागरण संवाददाता, पटना। जिले के 1852 प्रारंभिक स्कूलों में स्थाई प्रधान शिक्षक नियुक्त कर दिया गया है। सभी नवनियुक्त प्रधान शिक्षकों को जल्द ही विद्यालय शिक्षा समिति गठित करने का निर्देश दिया गया है। जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार इन स्कूलों प्रभारी होने के कारण विद्यालय शिक्षा समिति का गठन नहीं किया जा रहा था।

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    जिले के कुल तीन हजार प्रारंभिक स्कूलों में से 1852 में स्थाई प्रधान शिक्षक नियुक्त किए गए हें। जिले 818 स्कूलों का कमान अब भी प्रभारी संभाले हुए हैं। 330 में पहले से समिति कार्यरत है। स्कूलों में स्थाई प्रधान शिक्षक नहीं होने की वजह से बहुत सारे बिंदुओं पर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जिसमें सर्वप्रथम वित्तीय निकासी में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

    जिला शिक्षा कार्यालय ने नवनियुक्त प्रधान शिक्षकों को निर्देशित किया है कि वे जल्द विद्यालय शिक्षा समिति गठित कर इसकी रिपोर्ट भेजना सुनिश्चित करेंगे।

    विद्यालय शिक्षा समिति में कौन-कौन हो सकते सदस्य?

    विद्यालय शिक्षा समिति का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है। समिति में कुल 17 सदस्य होते हैं। जिनमें नौ सदस्य कोटिवार नामांकित विद्यार्थियों के अभिभावक होते हैं। अन्य सदस्य पदेन व नामित सदस्य के रूप में चयनित किए जाते हैं। पदेन सदस्यों में विद्यालय के प्रधानाध्यापक या प्रधान शिक्षक एवं पंचायत के मुखिया या पार्षद होते हैं।

    समिति के पास होता वित्तीय अधिकार

    विद्यालय शिक्षा समिति के पास स्कूल के संबंध में वित्तीय निर्णय लेने का अधिकार होता है। शिक्षा विभाग की ओर से जो भी राशि विद्यालय के विकास मद में आवंटित की जाती है समिति के सदस्य की सहमति से खर्च की जाती है।

    राशि का खर्च किस मद में कैसे होगा, इसपर शिक्षा समिति के सदस्य व प्रधानाध्यापक या प्रधान शिक्षक चर्चा कर निर्णय लेते है। विद्यालयों में समिति के गठन होने से शैक्षिक व्यवस्था के साथ साथ विकास कार्य भी त्वरित गति से होंगे।