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    सिर्फ 3-4 नहीं... एक व्यक्ति अपने नाम पर रख सकता है इतने SIM Card; दूरसंचार मंत्रालय ने किया साफ

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 10:37 PM (IST)

    एक व्यक्ति अधिकतम 9 सिम कार्ड ही रख सकता है। दूरसंचार मंत्रालय साइबर फ्रॉड रोकने के लिए प्रयासरत है। बिहार में एक व्यक्ति के नाम पर 6800 सिम कार्ड पाए गए थे जिन्हें बंद किया गया। यह जानकारी भारतीय दूरसंचार सेवा संघ के स्थापना दिवस पर दी गई। साइबर सुरक्षा को सख्त करने के लिए कानून में संशोधन भी किया जा रहा है।

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    किसी भी कंपनी के नौ सिम कार्ड ही अपने नाम रख सकते हैं।

    जागरण संवाददाता, पटना। एक व्यक्ति अधिकतम अपने नाम पर किसी भी कंपनी के 9 सिम कार्ड ही रख सकता है। इससे अधिक रखना अवैध है। अभी कुछ लोगों ने 20-20 सिम कार्ड अपने नाम पर चालू करा रखे हैं। बिहार में ही एक व्यक्ति के नाम से 6800 सिम कार्ड लिए गए थे, जिसे बंद किया गया। दूरसंचार मंत्रालय साइबर फ्रॉड के मामले को कम करने में लगातार कार्य कर रहा है।

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    उक्त बातें भारतीय दूरसंचार सेवा (आइटीएस) संघ के बिहार चैप्टर के 60वें स्थापना दिवस पर बापू टावर सभागार में आयोजित समारोह में दूरसंचार मंत्रालय के उप महानिदेशक (सुरक्षा) सूर्य प्रकाश ने कही।

    उन्होंने डिजिटल ईको-सिस्टम की सुरक्षा के लिए किए गए प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा को और सख्त करने के लिए कानून में भी संशोधन किया जा रहा है। अभी इसका ड्राफ्ट जारी किया गया है। नवंबर में इसे सदन में लाया जाएगा।

    कार्यक्रम की शुरुआत भारतीय दूरसंचार सेवा संघ के बिहार चैप्टर के अध्यक्ष और बीएसएनएल बिहार के मुख्य महाप्रबंधक आर.के. चौधरी के स्वागत संबोधन से हुई। उन्होंने अपने उद्बोधन में भारतीय दूरसंचार सेवा की 60 वर्षों की गौरवशाली यात्रा का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि वर्ष 1965 में भारतीय टेलीग्राफ सेवा के रूप में स्थापित यह संगठन भारत सरकार के दूरसंचार क्षेत्र में नीति-निर्धारण, तकनीकी नवाचार, और प्रबंधकीय उत्कृष्टता का आधार रहा है।

    चौधरी ने आंकड़ों के साथ बताया कि भारत में 122 करोड़ से अधिक दूरसंचार उपभोक्ता हैं। 94.4 करोड़ ब्राडबैंड उपयोगकर्ता हैं। देश का टेली-घनत्व 86.16% है, और प्रतिमाह 20,000 पेटाबाइट डेटा का उपयोग हो रहा है। तीन लाख करोड़ रुपये के वार्षिक राजस्व के साथ यह क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था में 6% योगदान देता है।

    मुख्य अतिथि विजय कुमार ने दूरसंचार क्षेत्र की असीम संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उन्नत कृत्रिम बुद्धिमत्ता, न्यूरोटेक्नोलॉजी, जैव प्रौद्योगिकी, क्वांटम कंप्यूटिंग, और जलवायु हस्तक्षेप प्रौद्योगिकियों को अरबों लोगों तक पहुंचाने में आइटीएस की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने साइबर सुरक्षा और दूरसंचार धोखाधड़ी जैसे खतरों से निपटने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने पर जोर दिया।

    बीएसएनएल के प्रधान महाप्रबंधक अरबिंद प्रसाद ने भारतीय दूरसंचार सेवा की 60 साल की उपलब्धियों और संचार क्षेत्र में योगदान पर विस्तृत प्रस्तुति दी। बिहार चैप्टर के सचिव मनीष कुमार ने साइबर सुरक्षा टूल "संचार साथी" पर आधारित एक प्रेरक कविता प्रस्तुत की और संबंधित वीडियो फिल्में दिखाईं। समारोह का समापन निदेशक (अनुपालन) दीपक सिंह के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।

    इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बीएसएनएल बिहार के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक विजय कुमार ने शिरकत की। विशिष्ट अतिथियों में बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग के संयुक्त सचिव आशुतोष द्विवेदी शामिल रहे। समारोह में बिहार दूरसंचार अनुज्ञप्ति सेवा क्षेत्र के अपर महानिदेशक बाबू राम, बीएसएनएल बिहार के मुख्य महाप्रबंधक आर.के. चौधरी और विभाग के अन्य सभी वरिष्ठ अधिकारी अपने स्वजन के साथ उपस्थित थे।