कोटक महिंद्रा बैंक से 31.93 करोड़ रुपये का गबन, ईडी का बड़ा खुलासा; मैनेजर का ये था काम
पटना के कोटक महिंद्रा बैंक में 31.93 करोड़ रुपये के गबन मामले में ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी सुमित कुमार सट्टा और ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां चलाता था। उसने एनएचएआई की राशि को गेमिंग कंपनी में निवेश किया और सहयोगी शशिकांत के साथ संचालन किया। दोनों बेटवे और 12 बेट जैसी कंपनियों के लिए खाते खोलते थे और तीन प्रतिशत कमीशन लेते थे।

राज्य ब्यूरो, पटना। कोटक महिंद्रा बैंक में 31.93 करोड़ रुपये के गबन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। ईडी के मुताबिक, गबन के आरोपी तत्कालीन बैंक मैनेजर सुमित कुमार अवैध तरीके से सट्टा और ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां चलाता था।
उसने कोटक महिंद्रा बैंक में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के भूमि अधिग्रहण मद में रखी गई राशि को पहले एक गेमिंग कंपनी में निवेश किया और बाद में अपने सहयोगी शशिकांत कुमार के साथ मिलकर इसका संचालन करने लगा।
ईडी की प्राथमिकी के मुताबिक, सुमित और शशिकांत अन्य लोगों की मदद से अवैध तरीके से ऑनलाइन गेमिंग और सट्टा कंपनी बेटवे (दक्षिण अफ्रीका) और 12 बेट (फिलीपींस) का संचालन कर रहे थे। इन कंपनियों से जुड़े लेन-देन को अंजाम देने के लिए उन्होंने बैंक में अवैध तरीके से खाते भी खुलवाए और बदले में बैंक प्रबंधन से अवैध कमीशन प्राप्त किया।
सूत्रों के मुताबिक, आरोपी शशिकांत कुमार ने पूछताछ में ईडी को बताया कि वह और सुमित ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए काम करते थे और खातों की व्यवस्था करते थे। इन खातों का इस्तेमाल ऑनलाइन गेमिंग और सट्टा कंपनियों से जुड़े लेन-देन के लिए किया जाता था।
इन दोनों को इन बैंक खातों से होने वाले कुल लेन-देन का तीन प्रतिशत तक कमीशन भी मिलता था। सुमित कुमार ने शशिकांत के अलावा शुभम गुप्ता जैसे अन्य लोगों को भी इस नेटवर्क में शामिल किया।
शशिकांत ने अपने नाम या किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर कई फर्म और कंपनियां खोलीं और विभिन्न बैंकों में उनके बैंक खाते भी खुलवाए। इन बैंक खातों का इस्तेमाल ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी की गतिविधियों के लिए भी किया जाता था।
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