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    Bihar: गंगा किनारे के 12 जिलों में पीकेवीवाई के तहत 23.56 करोड़ रुपये की मंजूरी, किसानों की हो गई 'चांदी'

    Updated: Tue, 29 Jul 2025 08:27 PM (IST)

    नमामि गंगे योजना के अंतर्गत बिहार के 12 गंगा किनारे वाले जिलों में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 23 करोड़ 56 लाख से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है। इस योजना में किसानों को प्रशिक्षण और जैविक प्रमाणीकरण के लिए सहायता दी जाएगी। किसानों को प्रति हेक्टेयर 16 हजार 500 रुपये का अनुदान मिलेगा जो सीधे उनके खाते में जाएगा।

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    गंगा किनारे के 12 जिलों में पीकेवीवाई के अंतर्गत 23.56 करोड़ रुपये की स्वीकृति

    राज्य ब्यूरो, पटना। नमामि गंगे स्वच्छता अभियान के अंतर्गत परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के तृतीय वर्ष (2025-26) के लिए कुल 23 करोड़ 56 लाख 20 हजार रुपये की स्वीकृति मिली है। इसमें 14 करोड़ 13 लाख 72 हजार केंद्रांश और 09 करोड़ 42 लाख 48 हजार रुपये राज्यांश हैं।

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    इस योजना का कार्यान्वयन 12 जिलों की उन्हीं पंचायतों में होगा, जो गंगा के तटवर्ती हैं। उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी।

    सिन्हा ने बताया कि बेगूसराय, पटना, समस्तीपुर, बक्सर, सारण, कटिहार, भोजपुर, भागलपुर, खगड़िया, मुंगेर, वैशाली और लखीसराय जिला में इस योजना का क्रियान्वयन हो रहा है। इसके अंतर्गत किसानों को जैविक खेती, प्रशिक्षण और पीजीएस आधारित प्रमाणीकरण के लिए अधिकतम दो हेक्टेयर तक सहायता अनुदान मिलेगा।

    प्रति हेक्टेयर 16 हजार 500 रुपये की दर से जैविक उपादान और अन्य घटकों पर व्यय होगा, जो किसानों के बैंक खातों में सीधे भुगतान किया जाएगा। सेवा-प्रदाता को ढाई हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से राशि दी जाएगी। यह राशि जिला कृषि पदाधिकारी की अनुशंसा और संयुक्त निदेशक (रसायन), कम्पोस्ट एवं बायोगैस, पटना की सहमति से मिलेगी।

    बिहार सरकार की यह पहल गंगा नदी की स्वच्छता, पारंपरिक कृषि के पुनराेद्धार और जैविक खेती को बढ़ावा देने वाली है। यह वस्तुत: केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसमें 60 प्रतिशत केंद्र और 40 प्रतिशत राज्य सरकार को खर्च करना होता है।

    वर्ष 2021-22 में स्वीकृत 700 समूहों के अंतर्गत 14 हजार हेक्टेयर भूमि पर कार्य प्रारंभ किया गया था। वर्ष 2025-26 में उन्हीं किसानों के माध्यम से योजना का तृतीय चरण क्रियान्वित होगा, जिन्होंने पहले और दूसरे वर्ष में कार्य किया है।